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lucknow news today : वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी डॉ.दरबारी लाल अस्थाना का मनाया गया जन्मोत्सव,  जानिये कैसे अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और काटी जेल की सजा

  •  नरही प्राथमिक विद्यालय में हुआ पपेट और मैजिक शो
  • जन्मोत्सव में दिया गया वृक्षारोपण और स्वच्छता का संदेश

लखनऊ, 24  जुलाई . campussamachar.com,   नरही स्थित प्राथमिक विद्यालय में मनाया गया। डॉ.दरबारी लाल अस्थाना ट्रस्ट की ओर से आयोजित इस समारोह में जादूगर सुरेश के दल में शामिल एस.के.सिंह और आफताब द्वारा देशभक्ति और पानी बचाओ का संदेश दिया गया। इसी क्रम में राजेन्द्र त्रिपाठी और शिब्बू की मंडली ने पपेट शो के माध्यम से वृक्षारोपण और स्वच्छता के लिए लोगों को प्रेरित किया। विद्यालय के बच्चों ने इस रंगारंग और प्रेरक कार्यक्रम का भरपूर आनन्द लिया। इस अवसर पर सम्मान समारोह भी हुआ। जयंती समारोह में विद्यालय की प्रधानाचार्या रचना पांडेय ने वृक्षारोपण अभियान के तहत अमरूद के वृक्ष का रोपण भी विद्यालय परिसर में किया। उन्होंने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा के साथ-साथ दीक्षा पर भी जोर दिया। इस अवसर पर विद्यालय परिवार की ओर से प्रधानाचार्या सहित सहायक अध्यापिका शैफाली शर्मा, मुदित कुमार शर्मा, अश्विनी कुमार सहित अध्यापक मनीष चौहान और राम कैलाश आदि का भी सम्मान किया गया।

ट्रस्ट की ओर से संयोजक आनन्द अस्थाना के साथ कार्यक्रम सहयोगियों में शामिल थिएटर एंड फिल्म वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव दबीर सिद्दीकी, नव अंशिका फाउण्डेशन की निदेशिका नीशू त्यागी, भारतीयम् बाल एवं युवा विकास एवं शोध संस्थान की उपाध्यक्ष शुभ्रा अस्थाना, सचिव प्रदीप नागर और उपसचिव रत्ना अस्थाना, उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा संचालित रेडियो जयघोष की एडमिन अंकिता पांडेय और आर.जे. समरीन सहित अन्य विशिष्ट जन उपस्थित रहे। डॉ.दरबारी लाल अस्थाना के पुत्र और भारतेन्दु नाट्य अकादमी के पूर्व निदेशक पुनीत अस्थाना ने सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी डॉ.दरबारी लाल अस्थाना के प्रेरक प्रसंग सुनाए। उन्होंने बताया वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी डॉ.दरबारी लाल अस्थाना का जन्म 24 जुलाई 1905 को आगरा में हुआ था। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान राजकीय कॉलेज आगरा में बहिष्कार आन्दोलन से वह राष्ट्र सेवा के क्षेत्र में सक्रिय हुए। वृन्दावन स्थित सुप्रसिद्ध प्रेम महाविद्यालय में उन्होंने ग्रामोत्थान का कार्य किया और ब्रज के अनेक गांवों का दौरा कर आम लोगों में आज़ादी और राष्ट्रीयता की भावना जगायी थी।

डॉ.दरबारी लाल अस्थाना को ग्रामीण अर्थशास्त्र और पुनर्निर्माण कार्य का विशेष अध्ययन करने के लिये गुरु रविन्द्र नाथ टैगोर के विश्वविख्यात शान्तिनिकेतन भी भेजा गया था जहां गुरुदेव ने उन्हें एक कलम भी आशीर्वाद स्वरूप भेंट किया था। युसुफ मेहर अली द्वारा संचालित अखिल भारतीय युवक आन्दोलन में भी डॉ.दरबारी लाल अस्थाना सक्रिय रहे थे। सिंधियों के महान आध्यात्मिक गुरु श्रीयुत टी.एल.वासवानी के भारतीय सांस्कृतिक पुनरुत्थान आंदोलन में भी डॉ. दरबारी लाल अस्थाना ने अहम भूमिका अदा की थी। उसकी शाखाओं की स्थापना के लिये डॉ.दरबारी लाल अस्थाना ने देशभर का दौरा भी किया था। महात्मा गांधी के सत्याग्रह आन्दोलन में डॉ. दरबारी लाल अस्थाना काफी सक्रिय रहे थे। साल 1930 में वृंदावन स्थित प्रेम महाविद्यालय के छात्रों के साथ जब डॉ. दरबारी लाल अस्थाना सत्याग्रह आन्दोलन कर रहे थे तब उन्हें 9 सी-12 धारा के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था। 4 अगस्त 1930 को उन्हें छह महीने का कठोर कारावास का दंड सुनाया गया। 11 अक्टूबर 1930 में उन्हें मथुरा जेल से सीतापुर जेल में ट्रांसफर किया गया था।

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद डॉ. दरबारी लाल अस्थाना ने देहरादून में रहकर मेडिकल प्रैक्टिस आरंभ की। बाद में वह लखनऊ आ गए और साल 1954 से उन्होंने उत्तर प्रदेश गांधी स्मारक निधि लखनऊ केन्द्र के संचालक के रूप में लम्बे समय तक कार्य किया। उन्होंने गांधी तत्व प्रचार के लिए उत्तर प्रदेश में अनेकों गांधी अध्ययन केन्द्रों और युवा शिविरों का आयोजन किया। स्वतंत्रता के पच्चीसवें वर्ष के अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम में स्मरणीय योगदान के लिए राष्ट्र की ओर से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें 15 अगस्त 1972 को ताम्रपत्र से सम्मानित किया था। 3 मार्च 1985 को लगभग 80 वर्ष की आयु में उनका स्वर्गवास हुआ था। उन्हें अपने देश पर गर्व और बच्चों से असीम प्रेम था।

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