- विजय बंधु ने लखीमपुर की धरती पर पुरानी पेंशन के लिए हुंकार भरी
- शिक्षकों की मांगे पूरी न होने तक डिजिटाइजेशन पर आर पार की लड़ाई रहेगी
लखीमपुर खीरी, 15 जुलाई,campussamachar.com, । अटेवा लखीमपुर खीरी ने रॉयल पैराडाइज मैरिज लॉन में पुरानी पेंशन बहाली और डिजिटाइजेशन व ऑनलाइन उपस्थिति के अस्वीकार आंदोलन हेतु गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी में मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के रूप में NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अटेवा उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष श्री विजय कुमार बंधु रहे। गोष्ठी का प्रारम्भ माँ सरस्वती के पूजार्चन और दीप प्रज्ज्वलन से किया गया तत्पश्चात पुरानी पेंशन बहाली के आंदोलन में शहीद श्री रामाशीष जी के चित्र के समक्ष श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
एन.पी.एस. निजीकरण देश के लिए घातक” एवं “डिजिटाइजेशन व ऑनलाइन उपस्थिति अस्वीकार” विषय पर गोष्ठी में अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष एवं एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि ओपीएस बुढ़ापे की लाठी है, एक तरफ वो जनप्रतिनिधियों को पेंशन दे रही है दूसरी तरफ दोहरा व्यवहार करके कर्मचारियों को पेंशन नहीं दे रही है।
उन्होंने सरकार से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि देश की 5 राज्य सरकारें ओपीएस की सुविधा दे सकती है, तो फिर केंद्र की या अन्य प्रदेश की सरकारें इस बारे में विचार क्यों नहीं कर सकती है। विजय बंधु ने कहा कि भारत सरकार जितनी जल्दी हो सके पुरानी पेंशन देते हुए निजीकरण पर रोक लगाएं। मौजूदा समय में 5 प्रदेशों में पेंशन लागू कर दी गई है। संगठन पूरे देश में पुरानी पेंशन बहाल करवाएगा। विजय कुमार बंधु ने कहा कि जिस तरह से पेंशन विहीन साथी आंदोलन से जुड़ रहे हैं उससे तय है हम सब भविष्य में पेंशन वाली सरकार ही चुनेंगे। अगर ओपीएस लागू नहीं होता है तो ‘वोट की चोट’ से उसे हासिल किया जाएगा
डिजिटाइजेशन और ऑनलाइन उपस्थिति अस्वीकार आंदोलन के संबंध में उन्होंने कहा किने कहा कि सरकार द्वारा थोपी गई यह अव्यवहारिक व्यवस्था किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है। पहले सरकार शिक्षकों की वाजिब मांगों को पूरा करें उसके बाद ही इस तरह की व्यवस्था कायम करे। यह पूरी तरह तुगलकी फरमान है। विभागीय अधिकारी वातानुकूलित कक्ष में बैठकर बिना जमीनी हकीकत जाने ही इस प्रकार के अव्यवहारिक आदेश करते रहते हैं। जिनमे आने बाली व्यवहारिक कठिनाइयों को दूर किए बिना उसको लागू करा पाना संभव ही नहीं है।
प्रदेश संगठन मंत्री और जिला संरक्षक संदीप वर्मा ने कहा कि यह लड़ाई सम्मान की है जब तक हमारे बुढ़ापे की लाठी पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती तब तक हमारी यह लड़ाई जारी रहेगी। एक देश में दो कानून कैसे हो सकते हैं एक तरफ तो मंत्री, सांसद, विधायक और अन्य जन प्रतिनिधि पेंशन ले रहे हैं और दूसरी तरफ कर्मचारियों को पेंशन नहीं दी जा रही है ये सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है। #campussamachar.com,
मंडल अध्यक्ष डॉ. आशीष वर्मा ने कहा कि इतने वर्षों की सेवा के बाद भी सरकार हमें सम्मान के रूप में पेंशन नहीं देना चाहती बुढ़ापे में आखिर हमारा कौन सहारा होगा। डिजिटलाइजेशन के विरोध के संबंध में उन्होंने कहा कि शिक्षक स्कूल आयेंगे बच्चों को पढाएंगे लेकिन उनका डिजिटल अटेंडेस का विरोध मांगे न माने जाने तक चलता रहेगा।
प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ0राजेश कुमार ने कहा अटेवा के सदस्यता अभियान में सभी शिक्षक व कर्मचारी बढ-चढ़ कर सदस्यता कराए और संगठन को मजबूत करें। प्रदेश भर के लगभग 6 लाख शिक्षकों ने स्कूलों में अपनी डिजिटल हाजिरी नहीं लगाई, आखिर सरकार क्यों नहीं समझना चाहती कि शिक्षकों की समस्याएं हैं जिन्हें दूर करना आवश्यक है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला संयोजक विश्वनाथ मौर्य ने सभी का सहयोग और गोष्ठी में प्रतिभागिता के लिए धन्यवाद दिया कहा कि पेंशन बहाली आंदोलन और डिजिटाइजेशन और ऑनलाइन उपस्थिति अस्वीकार आंदोलन को इतना भारी समर्थन मिलने पर हर्ष के साथ आशा व्यक्त की है कि हम जल्दी ही पुरानी पेंशन की लड़ाई आप सभी के सहयोग और आंदोलन से जीत लेंगे। कार्यक्रम का सफल संचालन मनोज वर्मा ने किया।
ये पदाधिकारी रहे उपस्थित
इस अवसर पर प्रदेश संगठन मंत्री संदीप वर्मा, जिला संयोजक विश्वनाथ मौर्य, जिला सहसंयोजक ओम प्रकाश, जिला महामंत्री मनोज वर्मा,जिला कोषाध्यक्ष राजेश पाण्डेय,जूनियर शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष विनोद मिश्रा, महिला शिक्षा संघ की जिला अध्यक्ष आभा शुक्ला, शिक्षामित्र संघ के जिला अध्यक्ष संजय मिश्रा, अटेवा संगठन मंत्री अमित शुक्ला, मंत्री लक्ष्मीनारायण दीक्षित, मंत्री आशीष प्रताप श्रीवास्तव, प्रवक्ता प्रमोद वर्मा, कमलेश यादव, वीरेंद्र वर्मा,कैलाश शंकर, सुधीर वर्मा, नवल गिरी आदि हजारों की संख्या में पेंशन विहीन शिक्षक और कर्मचारी शामिल रहे। #campussamachar.com,