- आज की तिथि
आषाढ़ – चौथा माह (04)
शुक्ल पक्ष – पहला पक्ष (01)
तिथि – तृतीया ( 03 री )
वार/दिन- सोमवार ( 02 रा वार/दिन )
आज तिथि ५१२६ /०४-०१-०३ /०२ युगाब्द ५१२६/ आषाढ़ शुक्ल तृतीया, सोमवार शुभ व मंगलमय हो….
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अंको में आज की तिथि
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(„• ֊ •„)♡
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♡🔆 5126/04/01/03/02♡
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युगाब्द (कलियुग) – 5126
आषाढ़ – चौथा माह (04)
शुक्ल पक्ष – पहला पक्ष (01)
तिथि – तृतीया ( 03 री )
वार/दिन- सोमवार ( 02 रा वार/दिन )
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कह रहीम कैसे निभे,
बेर केर(केला)को संग ।
वे डोलत रस आपने,
उनके फाटत अंग ।।
✍ बेर के पेड़ में कांटे होते हैं तो केले का पेड़ नरम होता है ।
✍ हवा के झोंकों से बेर की डालियां केले के पेड़ का अंग-अंग छील देती है ।
✍ रहीम कहते हें बेर और केले के पेड़ आसपास उगे हों तो उनकी संगत कैसे निभ सकती है ।
✍ इसी प्रकार दुर्जन-सज्जन एक साथ नहीं रह सकते। यदि साथ रहें तो हानि सज्जन की ही होती है, दुर्जन का कुछ नहीं बिगड़ता ।
आज तिथि ५१२६ /०४-०१-०३ /०२ युगाब्द ५१२६/ आषाढ़ शुक्ल तृतीया, सोमवार की पावन मंगल बेला में, सज्जन व्यक्ति की ही संगत करने के संकल्प के साथ, नित्य की भाँति आपको मेरा “राम-राम” ।
प्रस्तुति – ललित अग्रवाल