- परिचर्चा में विभिन्न विषयों पर विद्यापीठों के अधिष्ठाताओं, विभागाध्यक्षों, शिक्षकों एवं शोधार्थियों ने अपनी जिज्ञासों को सवाल-जवाब के माध्यम से शांत किया।
बिलासपुर, 5 जून, campussamachar.com, | गुरु घासीदास विश्वविद्यालय ((guru ghasidas vishwavidyalaya Bilaspur chhattisgarh ) के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ( Professor Alok Kumar Chakrawal Vice Chancellor of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya -Central University) ने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति में शिक्षकों एवं उच्च शिक्षा संस्थानों की अहम भूमिका है। भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने हेतु उच्च शिक्षा, विश्वविद्यालय एवं शिक्षकों की भूमिका विषय पर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सभा कक्ष में दिनांक 03 जून, 2024 को दोपहर 1 बजे से परिचर्चा आयोजित की गई। कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने से किया गया।
GGU Bilaspur News : कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ( Professor Alok Kumar Chakrawal Vice Chancellor of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya -Central University) ने कहा कि विकसित भारत@2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुभवजन्य शिक्षा, कौशल तथा उद्यमिता विकास, मातृभाषा में शिक्षा, रोजगार उन्मुखी, शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण तथा उद्य़ोगों की आवश्यकता के अनुरूप शिक्षा इत्यादि बिंदुओं की महती भूमिका है। उन्होंने यह भी कहा कि दिनांक 11 दिसंबर, 2023 को प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रारंभ किये गये विकसित भारत@2047- युवाओं की आवाज संकल्प की सिद्धि सभी के समेकित प्रयासों से होगी।
GGU News : कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ( Professor Alok Kumar Chakrawal Vice Chancellor of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya -Central University) ने कहा कि शिक्षकों को ऐसा मानव संसाधन विकसित करने की पहल करनी चाहिए जो राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका को सिद्ध कर सके। भारत आर्थिक महाशक्ति के रूप में अपने हस्ताक्षर अंतरराष्ट्रीय अर्थ पटल पर सुनहरे अक्षरों में अंकित कर रहा है। वैश्विक परिदृश्य को दृष्टिगत रखते हुए हमारी अर्थनीति में समुचित बदलाव किये जाते रहे हैं जिससे उसमें और अधिक स्थायित्व आया है।
GGU Bilaspur News today :जलवायु परिवर्तन एवं प्राकृतिक संसाधनों के उचित उपयोग, संरक्षण एवं जागरुकता पर विचार व्यक्त करते हुए कुलपति प्रो. चक्रवाल ( Professor Alok Kumar Chakrawal Vice Chancellor of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya -Central University) ने कहा कि भारत ने सदैव वसुदैव कुटुंबकम को सूत्र वाक्य के रूप में स्वीकार किया है। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (guru ghasidas vishwavidyalaya Bilaspur chhattisgarh ), रिन्यूएबल एनर्जी के उत्पादन और उपयोग के क्षेत्र में कार्य कर रहा है जिसमें दो मेगावॉट रूफ टॉप सोलर एनर्जी का उत्पादन एवं उपयोग किया जा रहा है जो उच्च शिक्षण संस्थानों तथा समाज के लिए प्रेरणा है।
व्यक्तित्व विकास एवं चरित्र निर्माण में अनुशासित जीवनचर्या, खेल एवं व्यायाम के महत्व को परिभाषित करते हुए कुलपति प्रो. चक्रवाल ( Professor Alok Kumar Chakrawal Vice Chancellor of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya -Central University) ने कहा कि विश्वविद्यालय में हेल्थी यूनिवर्सिटी मूवमेंट के माध्यम से युवाओँ को प्रसन्न, सकारात्मक एवं स्वस्थ बनाने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए भारत सरकार के लोक उपक्रम निकायों जैसे इंडस्ट्री, नॉन बैकिंग फाइनेंस सिस्टम तथा बैकिंग सिस्टम की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कुलपति प्रो. चक्रवाल ( Professor Alok Kumar Chakrawal Vice Chancellor of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya -Central University) ने कहा कि विगत वर्षों में महारत्न, नवरत्न, मिनीरत्न लोक उपक्रम निकायों जैसे ओएनजीसी, कोल इंडिया, एनएमडीसी, बीएचईएल, सेल, एचएएल, एलआईसी तथा राष्ट्रीयकृत बैंकों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए देश की अर्थंव्यवस्था को मजबूत बनाने में सहयोग प्रदान किया है, जो कि राष्ट्र को विकसित भारत होने में सहायक सिद्ध होगा।
इन विषयों पर हुई परिचर्चा
campussamachar : सामाजिक सुरक्षा एवं सुदृढ़ अर्थव्यवस्था, कौशल एवं उद्यमिता विकास तथा आत्मनिर्भर भारत, नवीकरणीय ऊर्जा, अधोसंरचना विकास, अभियांत्रिकी एवं तकनीकी, जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधन और चिकित्सा, शिक्षा के विविध आयाम और खेल, कला एवं पर्यटन और विश्व बंधुत्व, विज्ञान और विकास एवं विधिक व्यवस्था और सुधार।
CG News in Hindi : अंत में धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय (guru ghasidas vishwavidyalaya Bilaspur chhattisgarh ) के कुलसचिव प्रो. अभय एस. रणदिवे ने तथा संचालन अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने किया। परिचर्चा में विभिन्न विषयों पर विद्यापीठों के अधिष्ठाताओं, विभागाध्यक्षों, शिक्षकों एवं शोधार्थियों ने अपनी जिज्ञासों को सवाल-जवाब के माध्यम से शांत किया।