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Campussamachar | UP Politics : उत्तर प्रदेश सरकार लोगों पर एक और टैक्स थोपने की तैयारी कर रही -डॉ गिरीश

  • वाहनों पर लगेगा भारी- भरकम “सड़क सुरक्षा सेस”

 लखनऊ, 30 मई ,campussamachar.com, । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं राज्य प्रभारी डा. गिरीश ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश में वाहन पर एक और नया टैक्स-  “सड़क सुरक्षा सेस” लगाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। उन्होने कहा उनकी पार्टी इस तुगलकी योजना को सिरे से खारिज करती है और इस जनविरोधी प्रस्ताव को रद्दी की टोकरी में डालने की मांग करती है। भाकपा प्रत्येक पार्टी और हर नागरिक से अपील करती है कि उत्तर प्रदेश सरकार के इस प्रस्तावित कदम का पुरजोर विरोध करें।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश सरकार की इस तुगलकी योजना को सिरे से खारिज करती है और इस जनविरोधी प्रस्ताव को रद्दी की टोकरी में डालने की मांग करती है। भाकपा प्रत्येक पार्टी और हर नागरिक से अपील करती है कि उत्तर प्रदेश सरकार के इस प्रस्तावित कदम का पुरजोर विरोध करें।  इस प्रस्तावित टैक्स पर गहरी आपत्ति जताते हुये डा. गिरीश ने कहा कि वाहनों और यात्रा पर पहले से ही दर्जन भर टैक्स लगा चुकी डबल इंजन सरकार अब वाहन स्वामियों और मुसाफिरों की जेब पर डाका डालने को एक और टैक्स थोपने की तैयारियों में जुटी है।

UP News : राजधानी लखनऊ में आज इस संबंध में जारी एक प्रेस बयान में उन्होने कहा कि परिवहन विभाग के सूत्र बताते हैं कि सरकार के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के वाहनों पर सड़क सुरक्षा सेस लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। 1 जून को होने वाले आखिरी मतदान के बाद इसे अंतिम रूप देकर किसी भी दिन शासन के अनुमोदन हेतु भेज दिया जायेगा।  इस प्रस्ताव के पीछे भगवा सरकार की अफसरशाही का तर्क है कि वाहनों के बढ़ते दबाव से प्रदेश भर की सड़कें टूटती हैं। सड़क सुरक्षा सेस के जरिये बसूले जाने वाले राजस्व से टूटी सड़कों का मेंटीनेन्स तत्काल होता रहेगा।

UP Politics : हम बार बार यह सवाल उठाते रहे हैं कि भाजपा सरकार एक देश एक टैक्स की बात करती है, मगर वाहन और यात्रा पर कई कई भारी भरकम टैक्स लगाये हुये हैं। वाहन खरीद को ही लें तो इस पर अच्छी भली जीएसटी देनी होती है, फिर भारी रोड टैक्स और इंश्योरेंस। वाहनों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी, जीएसटी, सेस और स्थानीय टैक्स देने पड़ते हैं। इन सभी टैक्सों से बसूले धन से बनने वाली सड़कों पर फिर जबर्दस्त टोल टैक्स बसूला जाता है। और जब इतने से भी सरकार का पेट नहीं भरता तो स्पीड सीमा निर्धारित कर रुपये दो हजार प्रति फॉल्ट की पैनल्टी बसूली जाती है।

Lucknow Politics :इतना ही नहीं आए दिन ‘नंबर प्लेट्स’ संबंधी नियम बदल दिये जाते हैं और बदलने के ठेके निजी कंपनियों को दे दिये जाते हैं जिसकी कीमत और प्रदूषण के नाम पर अलग टैक्स देना होता है। नए मोटर वाहन कानून के जरिये भारी अर्थदण्ड और कड़ी सजा के प्रावधान सरकार द्वारा किए जा चुके हैं जिन्हें जनदबाव के कारण फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल रखा है।

CPI News : डा. गिरीश ने खुलासा किया कि प्रस्तावित सड़क सुरक्षा सेस की दरें भी काफी हैरान करने वाली होंगी, जिससे करदाता हिल कर रह जायेंगे। सूत्रों के अनुसार छोटे वाहनों पर एक प्रतिशत, तो भारी वाहनों पर दो प्रतिशत सेस बसूलने की योजना है। इसका मतलब यह हुआ कि किसी कार की कीमत यदि दस लाख रुपये है तो उस पर दस हजार रुपये और किसी कार या भारी वाहन की कीमत यदि 50 लाख है तो उसे 50 हजार रुपये सेस देना होगा। इससे सार्वजनिक परिवहन- यात्रा और माल ढुलाई और भी महंगी हो जाएंगे, जो सभी चीजों की कीमतें बढ़ाने का कारण बनेगी।

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