आज की तिथि
वैशाख – दूसरा माह (02)
शुक्ल पक्ष – प्रथम पक्ष (01 ला)
तिथि – चतुर्थी ( 04 थी )
वार/दिन- शनिवार ( 07 वां वार/दिन )
आज तिथि ५१२६ /०२-०१-०४ /०७ युगाब्द ५१२६/ वैशाख शुक्ल पक्ष, चतुर्थी, शनिवार “विनायक चतुर्थी” शुभ व मंगलमय हो….
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अंको में आज की तिथि
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♡🔆 5126/02/01/04/07♡
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युगाब्द (कलियुग) – 5126
वैशाख – दूसरा माह (02)
शुक्ल पक्ष – प्रथम पक्ष (01 ला)
तिथि – चतुर्थी ( 04 थी )
वार/दिन- शनिवार ( 07 वां वार/दिन )
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प्राण पिंड को तज चला,
मुआ कहे सब कोय ।
जीवत ही जो मर रहे,
तिनही की गति होय ।।
✍ शरीर से प्राण निकलते ही सब उसको बॉडी/मिट्टी/मृत शरीर आदि से पुकारने लगते हैं ।
✍ यानि मरते ही मैं, मेरा, सुख-दुख, लाभ-हानि, अपने-पराये, नातेदार- रिश्तेदार, धन-जायदाद आदि सब बेमानी (महत्वहीन) हो जाते हैं ।
✍ पूरे जीवन भर इन सबसे अत्यधिक लगाव/मोह ही तथाकथित कष्ट/दुख देता रहता है ।
✍ जो मनुष्य जीते जी मर जाता है अर्थात सांसारिक आकर्षणों में निर्लिप्त हो जाता है । वही मोक्ष (परमानन्द) का उत्तराधिकारी होता है ।
आज तिथि ५१२६ /०२-०१-०४ /०७ युगाब्द ५१२६/ वैशाख शुक्ल पक्ष, चतुर्थी, शनिवार “विनायक चतुर्थी” की पावन मंगलबेला में, सांसारिक आकर्षण के प्रति विवेकवान बनने का संकल्प लेते हुए, नित्य की भांति, आपको मेरा “राम-राम”।
प्रस्तुति
ललित अग्रवाल