- प्राचार्या डॉ अंशु केडिया ने नई संसद से अपेक्षा की कि सरकार एक तरफ नामांकन बढ़ाने की बात कर रही है परंतु वह उच्च शिक्षा संस्थानों की बिल्डिंग, लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लास के लिए बजट ही नहीं देती ।
लखनऊ , 9 मई campussamachar.com, । खुन खुन जी गर्ल्स पी. जी. कॉलेज ( khun khun ji girls degree college lucknow) में आज 9 मई 2024 को’ उच्च शिक्षा के क्षेत्र मे नव निर्वाचित संसद से हमारी अपेक्षाएं’ विषय पर गोष्ठी आयोजित की गई। इस चर्चा परिचर्चा में शिक्षक, कर्मचारी वर्ग एवं छात्राओं ने अपने अपने विचार प्रस्तुत किये। शिक्षणेतर स्टाफ़ सुनील सोनकर ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए नव निर्वाचित सरकार से अपेक्षा रखी ।
बी. एड. विभाग की प्रो. बीना यादव ने गुणवत्ता पूर्ण संस्थानों की स्थापना, डॉ.रत्ना शुक्ला ने कहा कि सरकार ऐसी शोध को बढ़ावा दे जो कि मानव जीवन के लिए लाभदायक हो डॉ सुमन लता सिंह ने भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने वाली शिक्षा व्यवस्था को बढ़ाने पर अपने विचार रखे । शिक्षाशास्त्र विभाग कि डॉ. शगुन रोहतगी ने कहा कि सरकार मूल्य परक शिक्षा को बढ़ावा दे एवं प्री प्राइमरी से ही विद्यार्थियों के लिए मूल्यपरक शिक्षा को व्यावहारिक रूप से लागू करे।
समाजशास्त्र विभाग की डॉ. स्नेह लता शिवहरे ने कहा कि सरकार विद्यार्थियों में इन्टरनेट की जगह पुस्तकालयों में जाकर अध्ययन करने की प्रवृत्ति विकसित करने की बात कही। कॉमर्स विभाग से डॉ. अपर्णा ने कहा कि उच्च शिक्षा में व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए शैक्षिक राजनीतिकरण को समाप्त किया जाए।
शिक्षाशास्त्र विभाग की साइमा ने अपने विचारों में कहा कि उच्च शिक्षा में ज्यादा नवाचार शिक्षा से भटका रहा है I
शिक्षणेतर स्टाफ में अश्विनी सक्सेना ने कम नंबर पर भी प्रवेश लिए जाने के नियम बनाए जाने, स्टाफ की नियुक्तियां किए जाने,किशोर श्रीवास्तव ने रैंकिंग व्यवस्था की दौड़ को कम करने, दिलाराम ने जो भी सरकार नीतियां बनाए वह व्यवहारिक रूप से लागू भी करे ऐसी हमारी नव निर्वाचित ससंद से हमारी अपेक्षाएं हैं ।
छात्रा प्रतिनिधि के रूप मे करिश्मा चौरसिया ने कहा कि हमारी सरकार विक्रमादित्य की तरह जनता से जुड़े और चुपचाप समस्याओं को समझे एवं प्रिया मिश्रा ने कहा कि सरकार सभी विद्यार्थियों से समान परीक्षा फॉर्म आवेदन शुल्क रखे ।
प्राचार्या डॉ अंशु केडिया ने नई संसद से अपेक्षा की कि सरकार एक तरफ नामांकन बढ़ाने की बात कर रही है परंतु वह उच्च शिक्षा संस्थानों की बिल्डिंग, लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लास के लिए बजट ही नहीं देती । निजीकरण के इस दौर मे सरकारी संस्थाए अपना दम तोड़ती जा रही और शिक्षा दिन पर दिन मंहगी होती जा रही है। जिसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए । गोष्ठी का संचालन डा शगुन रोहतगी ने किया एवं धन्यवाद अंजू सिंह ने किया ।
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