आज की तिथि
चैत्र (पूर्णिमांत वैशाख) – चतुर्थी ( 04 थी )
कृष्ण पक्ष – द्वितीय पक्ष (02 रा)
वार/दिन- रविवार ( 01 ला वार/दिन )
आज तिथि ५१२६/ ०१-०२-०४/ ०१ युगाब्द ५१२६/ चैत्र (पूर्णिमांत वैशाख) कृष्ण पक्ष, चतुर्थी, रविवार “विकट संकष्टी चतुर्थी” शुभ व मंगलमय हो….
अंको में आज की तिथि
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♡🔆 5126/01/02/04/01 ♡
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युगाब्द (कलियुग) – 5126
चैत्र (पूर्णिमांत वैशाख) – चतुर्थी ( 04 थी )
कृष्ण पक्ष – द्वितीय पक्ष (02 रा)
वार/दिन- रविवार ( 01 ला वार/दिन )
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जीवत कोय समुझै नहीं, मुवा न कह संदेश ।
तन-मन से परिचय नहीं, ताको क्या उपदेश ।।
✍ मनुष्य जब तथाकथित सुखी रहता है तो अपनी ग़लती/कोई भी सुधार की बात सुनना ही नहीं चाहता है।
✍ क्योंकि उसे वहम / अहम रहता है कि जो कुछ भी वह कर रहा है, वही सर्वोत्तम है ।
✍ संसारिक जीवन के अंत समय मे जब वह असहाय होने पर अपने कार्यों की समीक्षा करता है तब उसे अपनी गलतियाँ समझ मे आती हैं ।
✍ परंतु तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और अब उसके पास सुधार /पश्चाताप / माफी का बहुत समय नहीं होता ।
आज तिथि ५१२६/ ०१-०२-०४/ ०१ युगाब्द ५१२६/ चैत्र (पूर्णिमांत वैशाख) कृष्ण पक्ष, चतुर्थी, रविवार “विकट संकष्टी चतुर्थी” की पावन मंगल बेला में, स्वयं की निरन्तर समीक्षा एवं सुधार के संकल्प के साथ, नित्य की भाँति आपको मेरा “राम-राम”।