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Shri Shankaracharya Professional University Bhilai : युवा पीढ़ी के भविष्य को अंधकार में ले जा रहा है नशे का शिकंजा- प्रो. घोरमोड़े

  • कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. डॉ. एस.सी. तिवारी, डायरेक्टर यूनिवर्सिटी डेवलपमेंट ने की. इस अवसर पर डायरेक्टर प्रोफ़ेसर तिवारी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आज भारत बुरी तरह से नशे की समस्या से जूझ रहा है, यह बेहद जटिल और बहुआयामी मुद्दा है. 
  • नशे के खिलाफ श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई ( Shri Shankaracharya Professional University Bhilai) ने बड़ी पहल की है 

भिलाई , 23 अप्रैल 2024 campussamachar.com, .  श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई ( Shri Shankaracharya Professional University Bhilai)   द्वारा नशीलें पदार्थ और नशीली दवाओं के हानिकारक प्रभाव विषय पर एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजित किया गया। आयोजन में मुख्यवक्ता के रूप में प्रो. डॉ. दीपक घोरमोड़े, विभागाध्यक्ष, मनोरोग विभाग, एसएसआईएमएस, भिलाई उपस्थित रहें। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. डॉ. एस.सी. तिवारी, डायरेक्टर यूनिवर्सिटी डेवलपमेंट ने की. इस अवसर पर डायरेक्टर प्रोफ़ेसर तिवारी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आज भारत बुरी तरह से नशे की समस्या से जूझ रहा है। यह बेहद जटिल और बहुआयामी मुद्दा है जो देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक ताने बाने को क्षति पहुँचा रहा है। नशीली दवाओं की लत लगातार बढ़ने से निजी जीवन में अवसाद, पारिवारिक कलह, पेशेवर अकुशलता और सामाजिक सह-अस्तित्व की आपसी समझ मे समस्याएं सामने आ रही हैं। हमारे युवा नशे की लत के ज्यादा शिकार हैं। चूँकि युवावस्था में कैरियर को लेकर एक किस्म का दबाव और तनाव रहता है। ऐसे में युवा इन समस्याओं से निपटने के लिए नशीली दवाओं का सहारा लेता है और अंततः समस्याओं के कुचक्र में फंस जाता है। इसके साथ ही युवा एक गलत पूर्वधारणा का भी शिकार होते हैं। उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर धुएँ के छल्ले उड़ाना और महँगी पार्टीज में शराब के सेवन करना उच्च सामाजिक स्थिति का प्रतीक भी जान पड़ता है। विद्यार्थियों के रहने की जगहों के आसपास आप अक्सर नशे के व्यापार को देखते-सुनते भी होंगे।

प्रोफ़ेसर तिवारी ने बताया कि यदि नशे की समस्या से निपटने के लिए किये जाने वाले सरकारी प्रयासों की बात की जाए तो सरकार इस दिशा में काफी कुछ कर रही है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग नशीली दवाओं की मांग में कमी को सुनिश्चित करने हेतु नोडल विभाग है। अगस्त 2020 में नशे की समस्या से निपटने हेतु इसी मंत्रालय के द्वारा भारत के सबसे संवेदनशील 272 जिलों में नशा मुक्त भारत अभियान की शुरूआत भी की गई। इसके साथ ही भारत सरकार नशे के आदी लोगों के लिए नशा मुक्ति केंद्र और पुनर्वास सुविधाएं भी मुहैया करा रही है। इसके साथ ही गृह मंत्रालय देश में मादक पदार्थों के उन्मूलन हेतु एक रणनीतिक प्रयास कर रहा है। विगत चार वर्षों में सरकार ने देश के कई राज्यों में 89000 फुटबॉल मैदान के आकार के भाँग और अफीम उत्पादक क्षेत्रों को नष्ट कर दिया है। सरकार का लक्ष्य 2047 तक भारत को “मादक पदार्थ मुक्त” बनाना है।

bhilai education news today : मुख्य वक्ता प्रो. डॉ. दीपक घोरमोड़े ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि मादक/नशीले पदार्थों की लत को किसी भी व्यक्ति के चरित्र दोष के रूप में नहीं देखा जाना चाहिये, बल्कि इसे एक बीमारी के रूप में देखा जाना चाहिये, जिससे कोई व्यक्ति संघर्ष कर रहा है। ऐसे में मादक/नशीले पदार्थों से जुड़े कलंक को समाप्त करने की आवश्यकता है। समाज को यह समझने की ज़रूरत है कि नशा करने वाले पीड़ित हैं, अपराधी नहीं। कुछ विशिष्ट मादक पदार्थों में 50 प्रतिशत तक अल्कोहॉल और नशीली चीज़े होती है, ऐसे पदार्थों के उत्पादन और खेती पर कड़ाई से रोक लगाने की आवश्यकता है। देश में मादक/नशीले पदार्थों की समस्या पर अंकुश लगाने के लिये पुलिस अधिकारियों और आबकारी विभाग तथा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की और से सख्त कार्रवाई किये जाने की आवश्यकता है। नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट 1985 को और अधिक सख्ती से लागू किया जाना चाहिये।

Shri Shankaracharya Professional University Bhilai news : उन्होंने बताया कि नशीली दवाओं की समस्याओं से निपटने हेतु सरकार को मौजूदा कानूनों के प्रवर्तन को सख्त बनाना होगा। इसके साथ ही निवारक उपायों के प्रभावी उपयोग को भी सुनिश्चित करना होगा। इसके साथ ही अफीम की खेती एम अवैध रूप से संलग्न किसानों के लिए वैकल्पिक फसल योजना की भी शुरूआत करनी होगी। इस संदर्भ में झारखंड राज्य द्वारा अवैध अफीम उत्पादकों हेतु शुरू की गई वैकल्पिक आजीविका योजना बेहद उल्लेखनीय है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समन्वय को भी मजबूत करने की दिशा के ठोस कदम उठाने होंगे। सूचना और सर्वोत्तम तरीकों के आदान-प्रदान हेतु संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय तथा इंटरपोल जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ साझेदारी को मज़बूत करना होगा। नवीन प्रौद्योगिकी जैसे बिग डेटा और एनालिटिक्स द्वारा ड्रग ट्रैफिकिंग नेटवर्क की पहचान तथा ट्रैक करने, ड्रग मूवमेंट की निगरानी करने तथा ड्रग के दुरुपयोग व तस्करी से संबंधित गतिविधियों की पहचान करने पर ज़ोर देना होगा। इसके साथ ही एक ऐसी ऑनलाइन रिपोर्टिंग प्रणाली विकसित करनी होगी जहाँ नागरिक नशीली दवाओं के दुरुपयोग तथा तस्करी की गतिविधियों की वास्तविक समय में रिपोर्ट कर सकें।

bhilai education news : उक्त कार्यक्रम डॉ. प्राची निमजे, अधिष्ठाता, छात्र कल्याण के संयोजन में आयोजित किया गया एवं कार्यक्रम का संचालन डॉ. नीता पाण्डेय, विभागाध्यक्ष, अंग्रेजी विभाग द्वारा किया गया कार्यक्रम में विद्यार्थियों , शोधार्थियों , कर्म्च्जरियों एवं प्राध्यापकों की गरिमामई उपस्थिति रहीं ।

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