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Amar Shaheed Saint Kanwar Ram : अमर शहीद संत कंवर राम का 139 वां जन्मोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया,देशभक्ति एवं राष्ट्रभक्ति के लिए दृढ़ संकल्पित रहने की ली गई शपथ

  • इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कृष्णानी ने सन्त कंवर राम जी की कथा व धर्म रक्षा के लिए दी गई शहादत के बारे में सदस्यों को बताया गया। कंवर राम जी अति निर्धन परिवार से होने के कारण शिक्षा आश्रम में रहकर गुरुओं से प्राप्त की।

भिलाई , 13 अप्रैल ,campussamachar.com, । आदर्श सिन्ध ब्रादर मंडल एवं साईं झुलेलाल महिला मण्डली के सदस्यों के द्वारा आज   13 अप्रैल 2024 शनिवार को  हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी साईं झुलेलाल धाम 32 एकड़ हाउसिंग बोर्ड भिलाई में अमर शहीद संत कंवर राम के 139 वें जन्मोत्सव को हर्षोल्लास से मनाया गया।इस दिवस पर समाज के सदस्यों द्वारा संत कंवर राम जी के जीवन एवं उपदेशों से संबंधित गीत,भजन,भाषण व कथाओं में शामिल होकर उनको याद किया गया।इसके पश्चात भगवान साईं झूलेलाल जी की आरती,अरदास,पल्लव द्वारा पूरे विश्व में सुख शांति व आरोग्य की प्रार्थना की गई।संत कंवर राम की भांति देशभक्ति एवं राष्ट्रभक्ति के लिए दृढ़ संकल्पित रहने की शपथ उपस्थित श्रद्धालुओं द्वारा ली गई।


Sindhi news : इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कृष्णानी ने सन्त कंवर राम जी की कथा व धर्म रक्षा के लिए दी गई शहादत के बारे में सदस्यों को बताया गया। कंवर राम जी अति निर्धन परिवार से होने के कारण शिक्षा आश्रम में रहकर गुरुओं से प्राप्त की।उनकी माता जब बचपन में जब उन्हें कुँअर (चना) बेचने भेजते थे।तो वे पूरा चना बेचने के बजाय सत्संग के स्थानों पर बांटते थे। और अपने माता से कहते कि यह असली सच्ची कमाई है।शुरू से ही आध्यात्म से जुड़ाव होने से बड़े होने पर उनके आध्यात्मिक गुरु सन्त सतराम दास ने अपनी दिव्य दृष्टि से उनकी दैवीय शक्तियों को पहचाना।जब वे ईश्वर का गुणगान करते थे ।तो पशु पक्षी भी एक स्थान पर एकत्र होकर उनके भजन सुनते थे।

Bhilai news : एक बार एक महिला उनके पास एक मरे हुए बच्चे को लायी और कहा कि गुरुदेव मेरे बच्चे को लोली (लोरी)दीजिये।जब उन्होंने जाना कि ये बच्चा मृत है।तो उन्होंने भैरवी राग आलापकर ईश्वर से लाज बचाने की प्रार्थना की तो वह बच्चा जीवित हो गया।परंतु यह घटना विधि के विधान के विपरीत होने से संत कंवर राम ने अपने भक्तों के सामने अपना शरीर छोड़ने की घोषणा 40 दिन पहले ही कर दी थी।उन 40 दिनों में वे हर दिन अपने भक्तों को एक विशेष संदेश देकर भक्तों में देशप्रेम,धर्म की रक्षा,मानवता,प्रभु मार्ग की प्राप्ति से जुड़े सन्देश दिए।सत्संग के 40वें दिन उन्होंने घोषणा की कि यह मेरा आखरी सत्संग है। बाहर जाते ही घात लगाकर बैठे आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी।और इस तरह देश का एक सच्चा देशप्रेमी संत देश के लिये शहीद हो गया।

इस आयोजन को सफल बनाने के लिए आदर्श सिंध ब्रादर मंडल के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कृष्णानी, साईं झूलेलाल धाम महिला मंडली की अध्यक्ष लक्ष्मी नागदेव के साथ अनेकों श्रद्धालु उपस्थित थे।

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