- अब धुंध कुहासा छंटने दो
रातों का राज्य सिमटने दो
प्रकृति का रूप निखरने दो
फागुन का रंग बिखरने दो,
प्रकृति दुल्हन का रूप धर
आज स्नेह – सुधा बरसायेगी
शस्य – श्यामला धरती माता
घर -घर खुशहाली लायेगी,
आज चैत्र-शुक्ल की प्रथम तिथि
नव वर्ष शुरू हो जायेगा
आर्यावर्त की पुण्य भूमि पर
जय-गान सुनाया जायेगा... - नववर्षाभिनन्दन
आज तिथि ५१२६/ ०१-०१-०१/ ०३ युगाब्द ५१२६/ चैत्र शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा, मंगलवार “नूतन वर्षारम्भ ● युगादि ● नवरात्रि प्रारंभ ● उगादी ● गुड़ी पड़वा ● झूलेलाल जयंती” शुभ व मंगलमय हो….
अंको में आज की तिथि
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♡🔆 5126/01/01/01/03 ♡
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युगाब्द (कलियुग) – 5126
चैत्र – पहला महीना
शुक्ल – प्रथम पक्ष
तिथि – प्रतिपदा ( 01 ली )
वार/दिन- मंगलवार ( 03 रा वार/दिन )
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मन अवध,मन लंक गढ़,मन रावण मन राम ।
मन के अंदर, नित चले, देवासुर संग्राम ।।
✍️ मन के हारे हार है, मन के जीते जीत किसी भी कार्य के सफल/असफल होने के लिए हमारा मन ही जिम्मेदार है ।
✍️ हम सबके अंदर (मन रूप में) देवशक्तियाँ/आसुरीशक्तियाँ प्रत्येक समय मौजूद रहती हैं ।
✍️ मन मे विद्यमान आसुरी शक्तियाँ, देवशक्तियों के कमजोर/शिथिल/निष्क्रिय होने पर, हमारी दसों इन्द्रियों पर आक्रमण करती रहती हैं/बुराई के लिए उकसाती रहती हैं ।
✍️ किसी भी युद्ध को लड़कर ही जीता जा सकता है ।
✍️ इसीलिए हम सबके मन के अंदर एक अदद देव-असुर (सही-गलत, पुण्य-पाप) संग्राम/संघर्ष हमेशा चलते रहना चाहिए ।
आज तिथि ५१२६/ ०१-०१-०१/ ०३ युगाब्द ५१२६/ चैत्र शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा, मंगलवार “नूतन वर्षारम्भ ● युगादि ● नवरात्रि प्रारंभ ● उगादी ● गुड़ी पड़वा ● झूलेलाल जयंती” की पावन मंगल बेला में, मन के अंदर सतत/हमेशा देव-असुर संग्राम से स्वयं को संकल्पित एवम आपको भी प्रेरित करते हुए, नित्य की भांति, आपको मेरा “राम-राम”।
प्रस्तुति
ललित अग्रवाल