- कथा यजमान धूमीराम जगदीश प्रसाद अग्रवाल परिवार ने भागवत की आरती व पूजन किया।
- सुन्दरता बाहरी वस्तु नहीं है क्योंकि सुन्दरता तो गुणों की होती है।
लखनऊ, 6 अप्रैल ,campussamachar.com, । बीरबल साहनी मार्ग स्थित खाटूश्याम मन्दिर परिसर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन देवी हेमलता शास्त्री ने भगवान कृष्ण की बाल लीला, गोवर्द्धन पूजा से जुड़े प्रसंगों के साथ ही भारत की महिमा का गुणगान किया। इस अवसर पर भारत मांता की झांकी का पूजन भी हुआ। कथा यजमान धूमीराम जगदीश प्रसाद अग्रवाल परिवार ने भागवत की आरती व पूजन किया।
देवी हेमलता शास्त्री ने कहा कि मां अथाह पीड़ा सहन कर सन्तान को जन्म देती है। मां के लिए अपने जीवन काल में सबसे महत्वपूर्ण सन्तान होती है। देवकी के सात पुत्रों का वध हो गया किन्तु आठवें लाल की जगह जब योगमाया स्वरुपी कन्या आई तो उन्होंने कंस से कहा कि ये तो पुत्री है, इसे छोड़ दो, इसी के सहारे मैं अपना जीवन व्यतीत कर लूंगी। किन्तु कंस ने उसे भी मारने का प्रयास किया। कथा के मध्य देवी हेमलता शास्त्री ने कहा कि जो माता पिता अपनी सन्तान को गर्भ में ही मार देते हैं वे कंस से भी ज्यादा पापी हैं। आज बेटियां कचरे के ढेर पर फेंकी जा रही हैं। इसी समाज में ये सब हो रहा है नहीं तो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के स्लोगन की जरुरत क्यों पड़ती?
उन्होंने कहा कि बेटियां तो भगवान का सबसे बड़ा वरदान हैं, बाप की पगड़ी हैं मां का रेशमी परिधान हैं। जब तक मनुष्य का चित्त नहीं बदलेगा तब तक यह पाप होता रहेगा। पूतना प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि बनावट ज्यादा देर तक नहीं चलती। कितना भी सुन्दर बनकर जाओ किन्तु सच्चाई बाहर आ ही जाती है। सुन्दरता बाहरी वस्तु नहीं है क्योंकि सुन्दरता तो गुणों की होती है। पूतना की सच्चाई भी थोड़ी देर में बाहर आ ही गयी। उन्होंने श्रोताओं से आस्था, श्रद्धा और विश्वास को बनाये रखने की अपील की। कार्यक्रम में गिरिजा शंकर अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, भारतभूषण गुप्ता, रवीश अग्रवाल सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।