- दोनों रहिमन एक से, जों लों बोलत नाहि ।
जान परत हैं काक, पिक, रितु बसंत के माहिं ।।
✍ किसी को महज देखकर एवं मिलकर उसके व्यक्तित्व एवं सही या गलत होने का आंकलन नहीं किया जा सकता है ।
✍ स्वार्थी व्यक्ति अपने छद्म वेशभूषा, व्यवहार आदि से दूसरे को प्रभावित करने का भरसक प्रयास करता है ।
✍ परन्तु यदि हम सतर्क रहकर एवं उसके पद, प्रतिष्ठा,सामाजिक मान- सम्मान के प्रभाव में आये बिना व्यवहार करेंगे ।
✍ तो उसका सही आंकलन कर पाएंगे और यदि वह कुटिल है तो उसकी कुटिलता के प्रभाव से बच जाएंगे ।
आज तिथि ५१२५/ १२-०१-१०/ ०३ युगाब्द ५१२५/ फाल्गुन शुक्ल पक्ष, दशमी, मंगलवार की पावन मंगल बेला में, लोगों से सतर्कता पूर्ण आचरण के संकल्प के साथ, नित्य की भाँति, आपको मेरा “राम-राम” ।
व्यस्त रहेंगे -तो मस्त रहेंगे
मस्त रहेंगे -तो स्वस्थ रहेंगे