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Sant Shri Ramesh Bhai Shukla JI Maharaj : बड़े रोचक ढंग से सुनाई राम जन्मोत्सव की कथा, झूम कर नाचे भक्तगण

  • 12 मार्च की कथा का समापन आरती और प्रसाद वितरण से हुआ । यह कथा 9 मार्च से शुरू हुई और 14  मार्च 2024 तक प्रतिदिन शाम 3:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक होगी। 

लखनऊ,  12 मार्च campussamachar.com।  आईआईएम रोड  महर्षि नगर लखनऊ में 9 मार्च से चल रही श्रीराम कथा अमृत महोत्सव में आज 12 मार्च को परम पूज्य संत रमेश भाई शुक्ला ( Sant Shri Ramesh Bhai Shukla JI Maharaj ) ने बड़े रोचक ढंग से राम जन्म राम जन्मोत्सव की कथा सुनाई । उन्होंने रामचरित मानस और महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण सहित कई धार्मिक ग्रंथो के उदाहरण देते हुए राजा दशरथ और उनकी रानियां कौशल्या,  सुमित्रा और कैकेई  की विस्तृत और विशुद्ध व्याख्या की ।

उन्होंने (  Sant Shri Ramesh Bhai Shukla JI Maharaj ) कहा कि  सभी ज्ञानेंद्रियों पर नियंत्रित करने वाला ही दशरथ कहलाता है।  उन्होंने इस प्रसंग की चर्चा करते हुए वर्तमान भौतिकवादी युग को सीधे जोकर जोड़ते हुए श्रद्धालुओं से कहा कि इस भौतिकवादी युग में सबसे बड़ा कार्य इंद्रियों पर नियंत्रण ही है । लोगों को मोह और माया से अलग हटकर व्यक्ति को भक्ति भाव से कार्य करने की जरूरत है।  उन्होंने ( Shri Ram Katha By PP Shri Ramesh Bhai Shukla Ji ) राम के जन्म लेने की पूर्ण कथा का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि यज्ञ करने के बाद मिले प्रसाद को रानियां में जथा जोग वितरित कर वितरित किया और उनसे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई ।

परम पूज्य संत रमेश भाई शुक्ला ( Sant Shri Ramesh Bhai Shukla JI Maharaj ) राम कथा को बहुत ही सरल ढंग से लोगों के सामने रखते हैं ।  वे सरल और लोगों की भाषा में लोकोक्तियों ल्क भी उपयोग करते हुए राम कथा के सहारे गृहस्थ जीवन के भी रहस्य बताते है । राम कथा सुनाते समय हल्के फुल्के अंदाज में लोगों को हँसाया ।

परम पूज्य संत रमेश भाई शुक्ला ( Sant Shri Ramesh Bhai Shukla JI Maharaj) ने कहा कि यज्ञ में सिर्फ विधान पर ही जोड़ देने की जरूरत नहीं है,  बल्कि भगति (भक्तिभाव ) का भी पूरा योगदान होना चाहिए।  उन्होंने कहा कि यदि यज्ञ में भगति (भक्तिभाव ) नहीं है तो फिर उसका   उसका फल निष्फल ही रहेगा । उन्होंने रामचरितमानस के विभिन्न प्रसंग सुनाते भी राजा दशरथ के घर राम की जन्म लेने की कथा सुनाई और कहा कि वास्तव में वह नारायण के रूप में अवतरित हुए थे लेकिन माता कौशल्या ने उन्हें शिशु के रूप में बने रहने का आग्रह किया और फिर नारायण शिशु के स्वरूप में आए और रुदन कर बाल लीलाएं शुरू की।  कथा के समापन अवसर पर भए प्रकट कृपाला भजन ….की प्रस्तुति पर भक्तों ने राम जन्मोत्सव की धुन में तालियां बजाई और नृत्य भी किया । आज की कथा का समापन आरती और प्रसाद वितरण से हुआ । यह कथा 9 मार्च से शुरू हुई और 14 मार्च 2024 तक प्रतिदिन शाम 3:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक होगी।

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