कर्पूरगौरं करुणावतारं
संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् ।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे
भबं भवानी सहितं नमामि।।
✍️ ईश्वर की आरती के पश्चात इस मंत्र को बोला जाता है ।
✍️ भगवान शिव-पार्वती विवाह के समय भगवान विष्णु द्वारा इस स्तुति को करना कहा जाता है ।
✍️ भगवान शिव को मृत्युलोक का अधिपति/शासक/देवता कहा जाता है ।
✍️ मृत्यु का भय जीवन मे सन्तुष्टि एवम आनन्द प्राप्ति में बाधक है ।
✍️ जिसके ह्रदय में शमशान वासी/मृत्युलोक अधिपति निवास करें, उसको मृत्यु का भय खत्म हो जाता है ।
आज तिथि ५१२५/ ११-०१-०३/ ०२ युगाब्द ५१२५/ माघ शुक्ल पक्ष, तृतीया, सोमवार की पावन मंगल बेला में, सृष्टि के अधिपति भगवान शिव से निज एवम आपके हृदय में वास की प्रार्थना करते हुए, नित्य की भांति, आपको मेरा “राम-राम” ।#campusnews