- बुका जलाशय बांगो जलाशय का एक भाग है जिसे शासन द्वारा पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। यहां ठहरने, भोजन, सुरक्षा एवं बोटिंग हेतु स्टीमर की सुविधा उपलब्ध है।
बिलासपुर, 30 जनवरी । campussamachar.com, बिलासपुर अंचल के सुप्रसिद्ध उच्च शिक्षा संस्थान सी.एम.दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर छ.ग. ( CMD College Bilaspur) के बी.ए. अंतिम भूगोल तथा एम.ए. इतिहास के 60 छात्र/छात्राओं को पाठ्यक्रम के अंतर्गत इस वर्ष 2024 को शैक्षणिक भ्रमण हेतु बुका एवं केन्दई जलप्रपात का भ्रमण कराया गया। ये दोनोें पर्यटन स्थल बिलासपुर से लगभग 150 कि.मी. बिलासपुर अंबिकापुर राष्ट्रीय मार्ग क्रमांक 130 में स्थित है। यहा पहुँचने के लिए सड़क मार्ग सबसे उपयुक्त है और किसी मौसम में आसानी से पहुंचा जा सकता है ।
#Korbanews : बुका जलाशय बांगो जलाशय का एक भाग है जिसे शासन द्वारा पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। यहां ठहरने, भोजन, सुरक्षा एवं बोटिंग हेतु स्टीमर की सुविधा उपलब्ध है। बोटिंग के दौरान सुरक्षा हेतु सुरक्षा स्टीमर एवं लाइफ गार्ड की व्यवस्था है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य कश्मीर के डल झील जैसा है इसलिए इसे छत्तीसगढ़ का डल झील कहते हैं। बुका पर्यटन स्थल मे बरसार के दिनों में भ्रमण एवं बोटिंग में खतरा रहता है इसलिए इन दिनों में बोटिंग प्रतिबंधित रहता है। यहां स्थानीय स्तर पर सैकड़ों लोगो को रोजगार मिला हुआ है।
यहां से विस्थापित गांव के लोग जमुनी डुग्गी नामक चारो ओर से जल से घिरे हुए पहाड़ मे बस्ती बसाकर रहते हैं। वे लोग केवल प्रशासकीय एवं निजी आवश्यकता की वस्तुएं क्रय करने हेतु नाव द्वारा स्थलीय क्षेत्र में आवागमन करते हैं। ये लोग पहले शिकार एवं वनोपज से जीविकोपार्जन करते थे किन्तु जलाशय बनने के पश्चात् मछली मारना इनका मुख्य व्यवसाय हो गया। वर्तमान मे इनके जमुनी डुग्गी गांव में शासन की योजनाएं अभी तक नहीं पहुंच पा रही है। इसका प्रमुख कारण जलमार्ग का होना है।
Chhattisgarh Tourism News : केन्दई जलप्रपात उत्तर छत्तीसगढ़ का सबसे सुन्दर और बड़ा जल प्रपात है। इसकी उंचाई लगभग 100 फिट है तथा चैड़ाई 200 फिट है। इस जलप्रपात की रचना मनियारी नदी ने की है जिसका उद्गम स्थान जलप्रपात से 4 कि.मी. उत्तर में स्थित है। इस स्थान को पौराणिक कर्दम ऋषि का तपोभूमि कहते हैं। यहां भगवान शंकर एवं दुर्गा जी का विशाल एवं भव्य मंदिर है। इस स्थान पर भू-गर्भ से जल प्राकृतिक रूप से पूरे वर्ष भर निरंतर प्रवाहित होता रहता है। इस तपो स्थल पर एक छोटा सा आश्चर्यजनक प्राकृतिक कुण्ड है जिसका जल कभी भी नहीं सूखता। इसमें नहाने से खाज-खूजली एवं चर्मरोग दूर होता है।
Chhattisgarh Tourism : इस भ्रमण दल का नेतृत्व एवं मार्गदर्शन डाॅ. पी.एल. चन्द्राकर, डाॅ. के.के. शुक्ला, डाॅ. के प्रसाद एवं प्रो. गौरव सिंह राजपूत ने किया। केन्दई जलप्रपात के तट पर दरिद्र नारायण सेवा एवं कल्याण हेतु लगभग आधी सदी से स्वामी भजनानन्द वनवासी सेवा आश्रम संचालित है। जहां 350 छात्र/छात्राएं निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इस आश्रम में निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण, बुनियादी प्रशिक्षण औषधिय महत्व के पौधों का संरक्षण, जैविक कृषि, एवं गौशाला संचालित है, जिनको देखकर छात्र/छात्राएं बड़े अचंभित एवं प्रेरित हुए। इस प्रकार इस भ्रमण मे छात्रों ने प्रकृति एवं संस्कृति का अद्वितीय समागम देखकर व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त किये।