बिलासपुर. गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (Guru Ghasidas Vishwavidyalaya) के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने ”राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में गुरुकुल शिक्षा, सांस्कृतिक मूल्य तथा भारतीय ज्ञान परंपरा का योगदान” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कर्मप्रधान विशव महान की परिकल्पना को सृजित करती है।
Guru Ghasidas Vishwavidyalaya, (a Central University of India, located in Bilaspur C.G. State ) के रजत जयंती सभागार में 28 सितंबर, 2021 को सुबह 10.30 बजे से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर मां सरस्वती की प्रतिमा एवं संत गुरू घासीदास के तैल चित्र पर पुष्पअर्पित किए गए। इस दौरान तरंग बैंड ने सरस्वती वंदना व कुलगीत की मोहक प्रस्तुति दी। तत्पश्चात नन्हें पौधों से मंचस्थ अतिथियों का स्वागत किया गया। विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन हेतु गठित टास्कफोर्स समिति के सदस्य प्रो. बीएन तिवारी ने स्वागत उद्बोधन एवं प्रो. पी.के. बाजपेयी समन्वयक राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 टास्क फोर्स समिति गुरु घासीदास विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय संगोष्ठी की रुपरेखा प्रस्तुत की।
सभी भाषाओं का सम्मान लेकिन मातृभाषा से समझौता नहीं
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए Guru Ghasidas Vishwavidyalaya, (a Central University of India, located in Bilaspur C.G. State ) के कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को विश्वविद्यालय में संपूर्ण रूप से अग्रणी रहते हुए क्रियान्वित करने के अपने संकल्प को दोहराया। देश के श्रेष्ठ शिक्षा मनीषियों एवं विचारकों के अथक प्रयासों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को क्रियान्वित किया जाना वाला स्वरूप हमारे सामने आया है जिसमें मातृभाषा में शिक्षा की उपलब्धता को सुनिश्चित किये जाने का प्रयास किया गया है। सभी भाषाओं का सम्मान होना चाहिए लेकिन मातृभाषा से समझौता नहीं किया जाना चाहिए.
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के शुरुआती चरण में आठ भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई प्रारंभ हो गई है। शिक्षा में शुचिता गुण की आवश्यकता पर बल देते हुए कुलपति ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मूल भावना के साथ क्रियान्वित के लिए सभी को एक साथ व एक रूप में प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय शिक्षण मंडल के साथ किया गया सहयोग समझौता शोध एवं अनुसंधान को नई ऊंचाइयां प्रदान करेगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति भाषा के सामथ्र्य को बल देती है- पचौरी
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ. उमा शंकार पचौरी महासचिव भारतीय शिक्षण मंडल ने अपने वक्तव्य का प्रारंभ मां शारदे के चरणों में प्रणाम एवं ऋषि परंपरा के संवाहक संत गुरु घासीदास बाबा जी चरणों में कोटि नमन करके किया। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा का प्रारंभ एक दूसरे में विद्यमान ब्रह्म को प्रणाम करने से होता है। शिक्षा अहंकार का संहार करती है।
विश्व गुरु बनाने का प्रयास
NEP-2020 भाषा के सामथ्र्य को बल देने के साथ भारत को पुन: विश्व गुरु के रूप में प्रस्थापित करने का प्रयास है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मूल उद्देश्य वैचारिक एवं बौद्धिक रूप से भारतीय ज्ञान परंपरा के संवाहक बनाना है। शब्द से दिशा तय होती है। भारतीय समाज अनार की तरह है जिसका प्रत्येक दाना स्वतंत्र होते हुए भी एक सूत्र में बंधा हुआ है।
गुरुकुल शिक्षा पद्धति की भूमिका पर प्रकाश डाला
विशिष्ट अतिथि डॉ. दीपक कोईराला राष्ट्रीय सह-प्रमुख गुरुकुल प्रकोष्ठ भारतीय शिक्षण मंडल ने NEP- 2020 में गुरुकुल शिक्षा पद्धति की भूमिका पर प्रकाश डाला। हमारे पुरातन गौरवशाली एवं वैभवशाली शिक्षण व्यवस्था को सुनियोजित तरीके से नष्ट किया गया है जिसे पुन: स्थापित करने का कार्य यह नीति करती है। देश-विदेश में कुल दस हजार गुरुकुल संचालित है। गुरुकुल शिक्षण पद्धति में विद्या, कला एवं कौशल विकास को क्रमबद्ध एवं चरणबद्ध तरीके से सिखाया जाता है।
विशिष्ट अतिथि महेश दाबक संयुक्त महासचिव भारतीय शिक्षण मंडल ने NEP-2020 के सफल क्रियान्यवन में नीति आयोग की अहम भूमिका बताई। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शोध, अनुसंधान एवं नवाचार के लिए आवश्यक अनुदान का प्रावधान किया गया है।
इन विवि के साथ हुआ एमओयू
Guru Ghasidas Vishwavidyalaya, (a Central University of India, located in Bilaspur C.G. State ) एवं रिसर्च फॉर रिसजेज़्ंस फाउंडेशन (आरएफआरएफ) भारतीय शिक्षण मंडल नागपुर के मध्य एमओयू हुआ। सीवी रमन विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति महोदय प्रो. आर.पी. दुबे, महेेद्र कमाज़् वि.वि. बस्तर विश्वविद्यालय से प्रो. आनंद मूर्ति मिश्रा एवं ओपी जिंदल विश्वविद्यालय रायगढ़ से प्रो. के.एन. सिंह के मध्य भी सहयोग समझौता किया गया।
उद्घाटन कार्यक्रम के अंत में Guru Ghasidas Vishwavidyalaya, (a Central University of India, located in Bilaspur C.G. State ) के कुलसचिव प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन एवं संचालन डॉ. गरिमा तिवारी, सहायक प्राध्यापक वानिकी, वन्य जीव एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग ने किया। संगोष्ठी में समस्त विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षक, अधिकारी एवं प्रतिभागी ऑनलाइन माध्यम से भी शामिल हुए।