लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में फिर सत्ता प्राप्ति की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए मंत्रिमंडल में बहुप्रतीक्षित बदलाव किया। यह लंबे अरसे से टल रहा था लेकिन आखिरकार यह बदलाव हुआ और बहुत सधा हुआ।
इस बदलाव में शामिल किए गए नामों पर नजर दौड़ाएं तो साफ लगता है कि सामाजिक और क्षेत्रीयता के समीकरणों का पूरा ख्याल रखा गया है और चुनावी पंडित मान रहे थे कि भाजपा इस मामले में थोड़ी कमजोर है, खासकर जब से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन की चिंगारी सुलग रही है लेकिन अब साफ हो गया है कि न केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश बल्कि पूर्वांचल के आसपास भी भाजपा ने कई ऐसे चेहरे दिए हैं, जिनकी अपने-अपने क्षेत्रों व समाज में एक साख है और इनकी काट विरोधी दलों के पास तो कतई नहीं है। भाजपा ने इस बदलाव से उन विरोधियों की बोलती भी बंद कर दी है, जो सोशल इंजीनियरिंग का मुद्दा उठाकर जब तक घेरने की कोशिश करते थे।
सबको पता हों उपलब्धियां
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उत्तर प्रदेश पर पूरा फोकस होकर कार्यक्रमों की रुपरेखा तैयार कर रहा है। पहले सांसदों को अपने क्षेत्र में दौरा कराकर पूरी तरह से सक्रिय कर दिया और अब उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल के सदस्यों, विधायकों को भी अपने-अपने क्षेत्रों का दौरा करने के साथ सरकार की उपलब्धियों को लेकर व्यापक संपर्क चलाने की तैयारी है। भाजपा नेतृत्व कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपलब्धियों को लेकर पीठ थपथपा चुका है और अब यह सीधे जनता तक पहुंचायी जानी है।
ये बने हैं मंत्री
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंत्रणा से जितिन प्रसाद को मंत्री पद तथा छत्रपाल सिंह गंगवार, पल्टूराम, डॉ0 संगीता बलवंत, संजीव कुमार, दिनेश खटीक तथा धर्मवीर सिंह को राज्य मंत्री पद की शपथ दिलायी। यह शपथ ग्रहण समारोह रविवार को यहां राज भवन में आयोजित किया गया। शपथ ग्रहण के पश्चात राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने नव नियुक्त मंत्रियों को पुष्पगुच्छ देकर उनका अभिनन्दन भी किया। इस मौके पर राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्यगण, अन्य जनप्रतिनिधि, मुख्य सचिव आरके तिवारी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।