लखनऊ, 21 दिसंबर। campussamachar.com, प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों एवं कर्मचारी को अपने मूल नियुक्त संस्था से इतर अन्य विभागीय कार्यालय में संबद्ध करने संबंधी विभागीय कार्यवाही पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट ) ने कड़ी आपत्ति जताई है। संघ के वरिष्ठ शिक्षक नेता ओमप्रकाश त्रिपाठी ने आज यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति से माध्यम से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस ओर शिक्षा विभाग के ( माध्यमिक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी) के साथ महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश का व्यक्तिगत ध्यान आकर्षित करते हुए तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।
शिक्षक नेता त्रिपाठी ने कहा कि यह कार्य शिक्षा अधिकारियों की स्वेछाचारिता और मनमाने पान का द्योतक है। उन्होंने कहा कि संबद्ध शिक्षकों और नान टीचिंग स्टाफ का वेतन तो उन्हें नियुक्त संस्था से निकलता है लेकिन कार्य कहीं और कराया जाता है। ऐसे में संस्था प्रधान और प्रबंधकों से शिक्षा विभाग के अधियाकरी बलात उनकी उपस्थिति प्रमाणित कराते हैं। मूल संस्था से ही वेतन बिल प्रस्तुत कराया जाता है। शिक्षा अधिकारियों के इस रवैये के चलते उनके मूल संस्था का कार्य जहां एक और प्रभावित तो होता ही है, वहीं मूल संस्था से बाहर रहकर उनसे कार्य लिए जाने का भी प्रमाणपत्र तक उपलब्ध नहीं कराया जाता है।
प्रधानाचार्य को मजबूरन ऐसे कर्मचारियों- शिक्षकों की उपस्थिति प्रमाणित कर वेतन भुगतान कराया जाता है । यह कार्य वर्षों वर्षों तक संबद्ध कर अन्यत्र कार्य लिया जाना उसके मूल संस्था के साथ घोर अन्याय है । शिक्षक नेता त्रिपाठी ने बताया कि इस संबंध में अपर मुख्य सचिव द्वारा विगत दिनों निर्गत आदेश के बाद भी संबद्ध तत्काल निरस्त कर अपनी मूल संस्था जहां से वेतन आधारित हो रहा है, वहां कार्य करने का स्पष्ट आदेश दिया गया था लेकिन विभागीय अधिकारी उसे आदेश को भी दरकिनार कर खुला उल्लंघन का रहे हैं ।