- आज के इस कार्यक्रम में शिक्षक पुनीराम राम साहू, राजेश यादव, कलेश्वर साहू एवम् बच्चे उपस्थित रहे।
बिलासपुर, 26 नवंबर । campussamachar.com, देश में प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 26 नवम्बर 1949 को देश की संविधान सभा में मौजूदा संविधान को अपनाया गया था इसलिए इस दिन की याद में हर साल “संविधान दिवस” के रूप में मनाया जाता है । आज संविधान दिवस के अवसर पर जनपद प्राथमिक शाला बिल्हा में शिक्षक व छात्रों द्वारा संविधान के प्रस्तावना का वाचन किया गया। #संविधान दिवस
bilaspur news today : शाला के नवाचारी शिक्षक कलेश्वर साहू द्वारा बच्चों को संविधान के विषय में विस्तार से बताया गया उन्होंने बच्चों बताया कि 26 नवम्बर 1949 को भारत के संविधान सभा में मौजूदा संविधान को अपनाया गया तथा 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ था। जिसके जश्न हम लोग प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को “गणतंत्र दिवस” के रूप में मनाते हैं। प्रस्तावना का अर्थ है संविधान के सार है। इसे “संविधान का आत्मा” कहा गया है। हमारे देश में जो भी कानून बनता है वह इस संविधान के तहत ही बनता है। इसी के तहत हमें हमारा अधिकार मिला है कि हम सब पूरी स्वतंत्रता व समानता के साथ जीवन जी सके। हमारा देश का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।
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भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से तैयार करने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगा था। शिक्षक राजेश यादव द्वारा संविधान के विषय को लेकर विस्तार से बताया गया उन्होंने बताया कि राजतंत्र , मुगल काल तथा ब्रिटिश काल में किस प्रकार के कानून थे तथा वर्तमान में कानून कैसा इस विषय को लेकर विस्तार से कहानी के माध्यम से बच्चों को बताया साथ ही भारतीय संविधान के महत्व को भी बताया गया। आज के इस कार्यक्रम में शिक्षक पुनीराम राम साहू, राजेश यादव, कलेश्वर साहू एवम् बच्चें उपस्थित रहे। #संविधान दिवस