- अपने लंबे शिक्षकीय कार्यकाल में प्रोफेसर शिशिर कुमार पांडेय को काफी प्रशासनिक अनुभव है और वे अपनी विशिष्ट कार्यशैली से लक्ष्य पाने में हमेशा सफल रहे हैं ।
लखनऊ , 23 अक्तूबर । campussamachar.com, प्रोफेसर शिशिर कुमार पांडेय को उत्तर प्रदेश जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय चित्रकूट का प्रथम कुलपति नियुक्त किया गया है। राज्यपाल ने इस नियुक्ति की सहर्ष स्वीकृति प्रदान की है । प्रथम कुलपति बनाए गए प्रोफेसर शिशिर कुमार पांडेय प्रोफेसर केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली /लखनऊ परिसर लखनऊ में पदस्थ हैं और वर्तमान में कुलप्रति जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय चित्रकूट के पद पर कार्यरत हैं। यह नियुक्ति उत्तर प्रदेश जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम , 2023 की धारा -46 (1) के अंतर्गत शक्तियों का उपयोग करते हुए की गयी है ।
उल्लेखनीय है कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा स्थापित इस विश्वविद्यालय को MOU के बाद राज्य साकार ने अपना लिया है । अब राज्य सरकार ने प्रोफेसर शिशिर कुमार पांडेय को प्रथम कुलपति नियुक्त किया है । प्रोफेसर शिशिर कुमार पांडेय की प्राथमिकता जगद्गुरु रामभद्राचार्य की संकल्पना के अनुरूप कार्य करते हुए राज्य सरकार की प्राथमिकताओं पर खरे उतरना है । अपने लंबे शिक्षकीय कार्यकाल में प्रोफेसर शिशिर कुमार पांडेय को शैक्षिक जगत के साथ साथ काफी प्रशासनिक अनुभव है और वे अपनी विशिष्ट कार्यशैली से लक्ष्य पाने में हमेशा सफल रहे हैं ।
श्री राघवो जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी आजीवन कुलाधिपति
जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय यूपी अध्यादेश संख्या के तहत शक्ति का प्रयोग करते हुए । 2001 की धारा 10 उप खंड 1 के साथ पठित 15, उत्तर प्रदेश सरकार 27 सितंबर 2001 को श्री राघवीय जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी को इस विश्वविद्यालय के आजीवन कुलाधिपति के रूप में नामित किया है । इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी विकलांग व्यक्तियों के लिए विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए मिशनरी उत्साह के साथ आगे आए और इस विश्वविद्यालय को खोलना स्वामी जी का मिशन था।
यह है स्थापना का उद्देश्य
जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय की स्थापना विकलांग व्यक्तियों को उच्च और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए की गई थी। भारत में लगभग 9 करोड़ विकलांग हैं। औपचारिक स्कूल प्रणाली में कवरेज लगभग 5% है। उच्च शिक्षा का परिदृश्य काफी गंभीर है. विकलांग व्यक्तियों के लिए उच्च शिक्षा केंद्र में उपलब्ध सामाजिक आर्थिक स्थिति और सुविधाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में बड़ी बाधा माना जाता है।
देखिये प्रथम कुलपति का नियुक्ति आदेश