रायपुर. शासकीय शालाओं में पढऩे वाले बच्चों की पढ़ाई का स्तर जांचने के लिए इस समय बेसलाइन परीक्षा का आयोजन हो रहा है। यह परीक्षाएं 28 अगस्त से शुरू हुई हैं। इन शालाओं में पढऩे वाले कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों को शामिल किया लिया जाना है। बच्चों के लिए कक्षा पहली से आठवीं तक के प्रश्नपत्र ऑनलाइन मोबाइल पर प्रश्न पत्र भेजा जा चुके हैं, जिसे शिक्षकों के द्वारा ब्लैकबोर्ड पर लिखा कर बच्चों से कॉपी के पन्ने पर परीक्षा ली जा रही है, लेकिन बच्चों के स्तर को देख कर चकित हैं। एक शासकीय शाला के प्रधानपाठक का कहना है कि बच्चों के द्वारा प्राथमिक स्तर में बच्चे ब्लैक बोर्ड से प्रश्न पत्र लिखने में बहुत अधिक समय ले रहे हैं और कुछ बच्चे तो लिख नहीं पा रहे हैं। इनका कहना है कि प्रश्नों की संख्या 16 से 17 प्रश्न दिए गए हैं जो बच्चों के स्तर से अधिक है बच्चों की स्कूल खुले अभी बड़ी मुश्किल से 1 माह हुआ है और बच्चों को पूर्व ज्ञान ही कराया जा रहा था प्रधानपाठक का कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें अचानक बेसलाइन परीक्षा आदेशित किया गया है ऐसे में बच्चे उत्तर भी नहीं लिख पा रहे हैं । इनका कहना है कि इस परीक्षा में कुछ होशियार बच्चे ही लिख पा रहे हैं और शेष बचे शिक्षकों की ओर मुंह ताकते रहते है।
जमीनी हकीकत कडुवी है
शासकीय शाालाओं के बच्चे 2 साल से कोरोना काल के कारण पढ़ाई से दूर रहे हैं और कुछ बच्चे ही पढ़ाई online class पारा मोहल्ले में पहुंच रहे थे वही बच्चे लिख पा रहे हैं नहीं आने वाले बच्चे लिखने में असमर्थ हैं। स्थिति यह हो गई है कि बच्चों को बहुत अधिक समझाना पड़ रहा है और कॉपी चेक करने के बाद अंको को ऑनलाइन मोबाइल पर भेजा जा रहा है.
शिक्षकों पर लोड अधिक
शिक्षकों का बहुत ही अधिक काम बढ़ गया है और मध्यान भोजन की राशि हेतु online class भी किया जा रहा है और लर्निंग आउट कम कभी परीक्षा मौखिक ढंग से लिया जा रहा है।