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UP education news : इस university में हो रहा था फर्जी डिग्री बनाने -बेचने का धंधा, ऐसे हुआ खुलासा और अब पुलिस…

  • पुलिस अपने स्तर से जांच कर रही है और माना जा रहा है कि इस मामले जल्द ही कुछ गिरफ्तारियां हो सकती है । 

जौनपुर/ लखनऊ , 18 अक्तूबर ।campussamachar.com,   उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में फर्जी अंक पत्र और डिग्री के मामले बंद नहीं हो रहे हैं।  इस बार यह मामला वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  जौनपुर से जुड़ा हुआ है और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई से साफ संकेत मिल रहे हैं फर्जी डिग्री का धंधा इसी विश्वविद्यालय के कुछ स्टाफ द्वारा संचालित किया जा रहा था लेकिन शिकायत मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन और तौर पर कार्यवाही करके इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का इरादा जाहिर किया है । हालांकि यह पुलिस इस मामले में दर्ज प्राथमिकी के  अनुसार प्रकरण के का अनुसंधान कर कार्रवाई करने लगी है।

up education news : हैरत की बात यह है की विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की जड़ी मॉनिटरिंग में कहीं न कहीं ऐसी लापरवाही की गई जिससे विश्वविद्यालय के नाम पर इतना बड़ा दाग लग गया है।  वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में फर्जी उपाधि बेचे जाने के खुलासे के बाद मंगलवार को सरायख्वाजा पुलिस और विश्वविद्यालय की तीन सदस्यीय टीम ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सरायख्वाजा पुलिस व विवि की टीम ने  उपाधि विभाग के कमरे खुलवाकर दस्तावेज खंगाले और जांच पड़ताल शुरू की ।

यह भी पढ़ें : UP education news : 69000 सहायक शिक्षक भर्ती … अभ्यर्थियों ने भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को व्हाट्सएप पर भेजा संदेश, मांगा न्याय

जानकारी अनुसार बिहार के दो लोगों ने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  प्रशासन  और राजभवन  को पत्र लिख कर आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय के कुलपति व कुलसचिव के फर्जी हस्ताक्षर वाली उपाधियां 40-50 हजार रुपये में बेची जा रही हैं। जानकारी मिलने के बाद राजभवन ने कुलपति को जांच का आदेश दिया। मामला राजभवन के संज्ञान में लेने पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  जौनपुर  के परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह ने उपाधि विभाग के तत्कालीन कर्मचारी संतोष तिवारी, अनिल कुमार सिंह व स्वामी प्रसाद चौबे के खिलाफ सरायख्वाजा थाने में छह धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया।  विवि प्रशासन ने  मामले की जांच के लिए टीडी कॉलेज में लॉ विभाग के डॉ. राजेश सिंह, विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के प्रो. अजय प्रताप सिंह और  विज्ञान संकाय के प्रो. राजनारायण  वाली तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है, जबकि पुलिस अपने स्तर से जांच कर रही है और माना जा रहा है कि इस मामले जल्द ही कुछ गिरफ्तारियां हो सकती है ।

 

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