लखनऊ 15 अक्टूबर। campussamachar.com, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट ) ने शिक्षा जगत में बढ़ती राजनीतिक दखलअंदाजी पर गहरी चिंता जताते हुए शिक्षा का राष्ट्रीयकरण करने संबंधी अपनी पुरानी मांग को फिर से उठाया है। संगठन का मानना है कि शिक्षा के राष्ट्रीयकरण से जहां एक और शिक्षा के स्तर में संपूर्ण राष्ट्र में एक समानता का वातावरण बनेगा, तो वहीं दूसरी ओर शिक्षा जगत में एक स्थिरता का भी वातावरण फिर से बनेगा।
lucknow news : संगठन इस मुद्दे को विगत कई दशक वर्षों से विभिन्न सरकारों के समक्ष उठाता रहा है । इसके पीछे साफ तौर पर मानना है कि केरल हो या राजस्थान – शिक्षा होगी एक समान॥ इससे समाज में अमीरी गरीबी की खाई हटेगी। शिक्षक संघ के वरिष्ठ शिक्षक नेता ओमप्रकाश त्रिपाठी ने आज इस मुद्दे पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा लागू राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020 ) इस दिशा में एक सकारात्मक पहल है। अब इसे बुनियादी धरातल पर अमलीजामा पहनाए जाने की जरूरत है ।
uttar pradesh education news : शिक्षक नेता त्रिपाठी ने कहा कि अब सरकार शिक्षकों के चयन से लेकर वेतन भुगतान करने संबंधी सारी जिम्मेदारी का निर्वहन कर ही रही है तो शिक्षा के राष्ट्रीयकरण में कोई कठिनाई नहीं होगी । यह सरकार की इच्छा शक्ति के ऊपर निर्भर है । शिक्षक नेता त्रिपाठी में कहा कि उच्च शिक्षा जगत में प्रभावी नियंत्रण व नियमन के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( UGC ) है ही , इसके नीचे स्तर की शिक्षा के लिए स्कूल ग्रांट कमीशन माध्यमिक शिक्षा अनुदान आयोग के भी गठन की नितांत जरूरत है, जो बुनियादी शिक्षा पर अपना प्रभावी नियंत्रण एवं नियमन रख सके और तभी समान शिक्षा के अधिकार का सपना साकार हो पाएगा