लखनऊ. शुक्रवार देर शाम राज्य सरकार ने अचानक लखनऊ के DIOS मुकेश कुमार सिंह को अचानक हटा दिया। उनके स्थान पर DIOS-2 को चार्ज देने के निर्देश दिए हैं लेकिन यह आदेश जारी होने के समय जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय अवकाश पर थे और उनका चार्ज भी मुकेश कुमार सिंह के पास था।
माइनारिटी इंस्टीट्यूट में भ्रष्टाचार पर पर्दा उठाया तो
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर DIOS मुकेश कुमार सिंह को इतनी हड़बड़ी में क्यों हटा दिया गया? लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक की कुर्सी पर बैठ कर काम करना आसान नहीं होता है और इसकी वजह सत्तारूढ़ दल से लेकर विपक्षी राजनीतिक दलों से जुड़े लोग शिक्षा व्यवस्था से गहराई से जुड़े हैं। कई लोगों के निजी स्कूल संचालित होते हैं तो कई कोचिंग संस्थानों के बड़े मालिक हैं। कई ऐसे भी हैं जो नियम-काननू से नहीं बल्कि अपने बाहुबल के सहारे स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संचालित करते हैं। इस सच्चाई के साथ-साथ एक सच्चाई सरकारी मदद से चलने वाले अल्पसंख्यक संस्थाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार पर पर्दा उठाने और डाले रखने की है। अगर इस भ्रष्टाचार से पर्दा उठाया तो उस अधिकारी को कुर्सी से हटा दिया जाएगा और अगर उसने पर्दा पड़ा रहने दिया तो खुद उस पर भ्रष्टाचार के छीटे पड़ेंगे और देर-सबेर उसे विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
डिप्टी सीएम को लिखा पत्र
मुकेश कुमार सिंह को DIOS पद से हटाने की वजहों पर चर्चा हो रही है। एक प्रमुख शिक्षक नेता ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण की जानकारी दी और अपनी नाराजगी भी जताई है। ऐसे एक और स्कूल श्रंृखला चलाने वाले युवा प्रबंधक ने भी सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने खुलकर को इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं की है लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक को हटाए जाने के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इंदिरानगर में एक निजी स्कूल के प्रबंधक ने अपना नाम उजागर न करते हुए कहा कि DIOS मुकेश कुमार सिंह ईमानदारी अधिकारी हैं और उनसे एक माइनारिटी शिक्षण संस्थान की करोड़ों की जमीन प्रबंधन के हिसाब से बेचने की अनुमति नहीं दो यह सब हुआ है। इनका कहना है कि इसी माइनारिटी सोसाइटी से जुड़े एक और इंटर कालेज में शिक्षकों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी लेकिन शुरुआती हो हल्ला मचने के बाद अब सब कुछ शांत है। इन माइनारिटी इंस्टीट्यूशन में बड़े पैमाने पर भाई-भतीजावाद और परिवार के सदस्यों को ही प्रबंधन, टीचिंग में अहम पदों पर नियुक्त किया जाता है और मान्यता देने के नाम पर शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी उपकृत हुए हैं और अभी भी हो रहे हैं।
DIOS मुकेश कुमार सिंह को हटाने के पीछे एक वजह शिक्षा भवन के एक चर्चित क्लर्क भी भूमिका चर्चा में है। इस क्लर्क की पहुंच ही है कि उसकी शरण में जाकर स्कूल प्रबंधक भी अपने-अपने काम आसानी से करा लेते हैं। यह इस क्लर्क का ही कमाल था कि उसने अपनी पहुंच के बल पर कई विद्यालयों की प्रबंध समितियों में इधर-उधर कर दिया है लेकिन शिक्षा विभाग इन प्रकरणों को जांच कर सही-सही फैसले लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
तलाशी जा रहीं वजहें
बहरहाल अब शिक्षा जगत में केवल जिला विद्यालय निरीक्षक की कुर्सी से मुकेश कुमार सिंह को हटाए जाने के कारणों की तलाश में जुटे हैं। सबके अपने-अपने तर्क और कारण हैं लेकिन इतना जरूर है कि नए जिला विद्यालय निरीक्षक के पद पर आने वाले अफसर के लिए काम करना थोड़ा मुश्किल होगा, अगर उसने नियमों के अनुसार फाइलों को मूव करना शुरू किया।
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