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Guru Ghasidas Vishwavidyalaya, Bilaspur : मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं, युवा मातृभाषा की शक्ति को पहचानें-प्रेमलता चुटैल

  • गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जयंती समारोह का आयोजन

बिलासपुर, 9 सितबर । campussamachar.com,  गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर (Guru Ghasidas Vishwavidyalaya, Bilaspur )  एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में राजभाषा पखवाड़ा 2023 के अंतर्गत शनिवार 9 सितंबर 2023 को विश्वविद्यालय के रजत जयंती सभागार में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जयंती समारोह हुआ।  राजभाषा पखवाड़ा का आयोजन 5 सितंबर 2023 से 14 सितंबर तक 2023 किया जा रहा है। इसी के अनुरूप आज भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जयंती समारोह का आयोजन किया गया।

Guru Ghasidas Vishwavidyalaya, Bilaspur: कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी कुलपति प्रोफेसर अमित कुमार सक्सेना ने की। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रोफेसर प्रेमलता चुटैल, पूर्व आचार्य, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. मीनल मैंहना,शिक्षाविद, शासकीय महाविद्यालय, बड़ोद रहीं।  कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 11 बजे प्रभारी कुलपति प्रोफेसर अमित कुमार सक्सेना, मुख्य अतिथि प्रोफेसर प्रेमलता चुटैल, विशिष्ट अतिथि डॉ. मीनल मैंहना, कुल सचिव प्रोफेसर मनीष कुमार श्रीवास्तव, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर शैलेंद्रकुमार, हिंदी विभागाध्यक्ष डॉक्टर गौरी त्रिपाठी एवं राजभाषा अधिकारी श्री अखिलेश तिवारी ने दीप प्रज्वलन और माँ सरस्वती, गुरु घासीदास जी व भारतेन्दु हरिश्चंद्र जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर किया। इसके बाद विश्वविद्यालय के तरंग बैंड ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। तत्पश्चात, मंचस्थ अतिथियों का श्रीफल,शॉल एवं प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया गया। स्वागत भाषण राजभाषा अधिकारी श्री अखिलेश तिवारी ने किया एवं कार्यक्रम की प्रस्तावना छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार ने प्रस्तुत की।

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Guru Ghasidas Vishwavidyalaya news : इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रेमलता चुटैल ने भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के जीवनवृत्त एवं उनकी रचनाओं का वर्णन करते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि माँ, मातृभाषा एवं मातृभूमि का कोई विकल्प नहीं है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा पर ज़ोर दिया गया है।भाषा लोगों को जोड़ती है। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने मातृभाषा की शक्ति को पहचानते हुए कहा था कि मातृभाषा में ही उन्नति का मूल है। भारतेन्दु जी का लेखन तात्कालिक समाज में जितना प्रासंगिक था आज भी उतना ही प्रासंगिक है।

ggu news :  विशिष्ठ अतिथि डाॅ.मीनल ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि आज भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जी की जन्म जयंती समारोह में उपस्थित होने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के साहित्यिक योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि अत्यंत अल्प आयु में जितना विशद् साहित्य सृजन उन्होंने किया है,वह अतुलनीय है। उन्हें लेखन की प्रेरणा अपने पिता से मिली थी। उनका लेखन मौलिक एवं युगांतकारी है। उन्होंने भाषा को सुधारने के साथ साथ हिंदी को लोकप्रिय बनाने का कार्य किया।

bilaspur news today : अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए प्रभारी कुलपति प्रोफेसर अमित कुमार सक्सेना ने कहा कि भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जी का साहित्यिक लेखन कालजयी है। उन्होंने अल्प जीवनकाल में जो साहित्य सृजन किया वह अविस्मरणीय है। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज को प्रेरणा देने एवं जागृत करने का कार्य किया।  कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर मनीष कुमार श्रीवास्तव ने किया । कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर मुरली मनोहर सिंह ने किया। इस अवसर पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास जबलपुर के प्रतिनिधि रंजन द्विवेदी, विभिन्न संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष सहित शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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