लखनऊ। 17 अगस्त । campussamachar.com, देश के बड़े 8 श्रमिक संगठन कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर देशव्यापी आंदोलन चला रहे हैं । इस आंदोलन में उत्तर प्रदेश सरकार से संबन्धित मांगें भी शामिल हैं। इन श्रम संगठनों का आरोप है केंद्र सरकार जन विरोधी नीतियाँ लागू कर रही है, इससे श्रमिक सबसे ज्यादा परेशान हैं।
UP News today :8 श्रम संगठनों में से एक प्रमुख संगठन सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU) के उत्तर प्रदेश के महामंत्री प्रेमनाथ राय ने संगठन की मांगों और इस आंदोलन को लेकर विस्तार से जानकारी साझा की । उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को मजदूर विरोधी कर्मचारी विरोधी और जनविरोधी बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय श्रम संगठनों इंटक (INTUC), एटक (AITUC) , एच एम एस (HMS) , सीटू (CITU ) , एआईटीयूसी(AIUTUC) सेवा(SEVA) , AICCTU, ट्रेड यूनियन कोआर्डिनेशन कमेटी (TUCC) आदि राष्ट्रीय श्रम संगठन इस आंदोलन में शामिल है।
uttar pradesh news today : महामंत्री प्रेमनाथ राय ने आगे बताया कि यही संयुक्त मंच भारतीय जनता पार्टी की केंद्र की मजदूर विरोधी जन विरोधी नीतियों के खिलाफ लगातार संघर्ष कर रहा है। इस आंदोलन के तहत 9 व 10 अगस्त को राजधानी सहित उत्तर प्रदेश के सभी उप श्रम आयुक्त कार्यालय पर दो दिवसीय महापड़ाव आयोजित किया गया था। अब कर्मचारियों को एकजुट करते हुए सरकार की जनविरोधी नीतियों को बदलने के लिए 24 अगस्त 2023 को दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में देश भर से श्रमिक संगठन के नेता-प्रतिनिधियों का एक बड़ा कन्वेन्शन होने जा रहा है। इसमें आगे की रणनीति बनेगी।
सीटू के वरिष्ठ नेता ने उत्तर प्रदेश श्रमिकों और कर्मचारियों की प्रमुख मांगों की चर्चा की-
1. पहली मांग उत्तर प्रदेश में न्यूनतम वेतन समिति का गठन करने की है क्योंकि वेतन समिति का गठन न होने से कर्मचारियों का तरह-तरह से आर्थिक शोषण हो रहा है, इसलिए उत्तर प्रदेश में न्यूनतम वेतन समिति का तत्काल गठन किया जाना जरूरी है।
2. प्रदेश में श्रम कानूनों का पालन सुनिश्चित किया जाए । वर्तमान में अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे श्रमिक हैं जो सरकारी नियमों के हिसाब से न तो उन्हें वेतन मिल रहा है और न ही काम बल्कि उनका शोषण किया जा रहा है ।
3॰ इंजीनियरिंग, होटल,कालीन, बीड़ी, डिस्टल्ररी और शुगर उद्योग में वेतन परीक्षण के लिए समितियों का गठन किया जाए।
4. नियमित समान के काम पर पर रखे गए संविदा/ आउटसोर्सिंग/ठेका मजदूरों को नियमित किया जाए। समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए।
5. समस्त मजदूरों को अनिवार्य रूप से वेतन पर्ची, ESI, EPF कार्ड दिए जाएं और रजिस्टर में उनका नाम दर्ज हो।
6. नेशनल पेंशन स्कीम (NPS ) की जगह पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल की जाए।
7. चारों श्रम संहिता रद्द किए जाएं ।
8. स्कीम वर्कर्स को राज्य कर्मचारी घोषित कर ₹26000 प्रति माह मानदेय तथा 10000 मासिक पेंशन दी जाये ।
9. शुगर उद्योग में हुए पिछले तीन वेतन पुनरीक्षण को सभी मजदूरों के लिए लागू किया जाए ।
10. उत्तर प्रदेश में आंदोलन के दौरान निष्कासित /निलंबित किए गए सभी बिजली कर्मचारियों/ अधिकारियों / संविदा कर्मचारियों को वापस लिया जाए ।
11. निर्माण मजदूरों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को शुरू कर उत्तर प्रदेश सन्निनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत 5 साल पुराने व 60 वर्ष की उम्र पार करने वाले सभी सदस्यों को ₹3000 प्रतिमा पेंशन दी जाए।
12. EPF से आच्छादित सभी मजदूरों को कम से कम ₹10000 मासिक पेंशन दी जाए और पेंशन को महंगाई से लिंक किया जाए।
13. घरेलू कामगारों और होम बेस्ड वर्कर्स को मजदूर का दर्जा दिया जाए और उनके लिए बोर्ड का गठन किया जाए।
14. वन, कृषि तथा पशुपालन विभाग में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी / आउटसोर्स कर्मचारी को अनुसूचित उद्योगों के लिए निर्धारित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
15. सभी सरकारी विभागों, निगमों में कार्यरत आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों को ESI और भविष्य निधि योजना से आच्छादित किया जाए उन्हें निर्धारित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित किया जाए । उनको साप्ताहिक अवकाश भी मिले।
16. निगमों/निकायों और स्वायत्त संस्थानों में कार्यरत वर्क चार्ज/ दैनिक वेतन भोगी/संविदा/ आउटसोर्स और मृतक आश्रित कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
17. ई-श्रम और BOC बोर्ड में पंजीकृत सभी श्रमिकों को आयुष्मान कार्ड जारी किए जाएं।
18. रेलवे/ बैंक/ बीमा के विभिन्न प्रतिष्ठानों में कार्यरत आउटसोर्स /संविदा श्रमिकों को केंद्र सरकार द्वारा जारी न्यूनतम वेतन , ESI और भविष्य निधि योजना से आच्छादित किया जाए।
सीटू के प्रदेश महामंत्री प्रेमनाथ राय ने आगे बताया कि अब आंदोलन के अगले चरण में 24 अगस्त 2023 को दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में सभी श्रमिक संगठनों का एक बड़ा कन्वेन्शन होने जा रहा है। इसमें आंदोलन की की रणनीति तैयार की जाएगी।