Breaking News

College of Arts and Crafts Lucknow University : शुरू से रहा है लखनऊ कला महाविद्यालय का गौरवशाली महत्व व योगदान – भूपेंद्र अस्थाना

सैयद अफसर मदद नकवी
  • वरिष्ठ कलाकार जय कृष्ण अग्रवाल ने उन्हे याद करते हुए कहा कि नकवी हमवतन होने के साथ-साथ मेरे अच्छे मित्र भी रहे थे। सरहद के पार जाने के उपरांत भी वह अपनी जमीन को भुला न सके।
  •  प्रदेश इस प्रथम कला महाविद्यालय से न जाने कितने ही अनगिनत कला के रत्न निकले ।

लखनऊ, 11 अगस्त। campussamachar.com,  सप्रेम संस्थान द्वारा शुक्रवार को कलाकार स्मृति शृंखला में 20वीं सदी के एक प्रमुख मूर्तिकार सैयद अफसर मदद नकवी के 90वीं जयंती पर याद किया गया। नक़वी का संबंध लखनऊ कला महाविद्यालय (College of Arts and Crafts Lucknow University ) से 1960 से रहा जब वे इस महाविद्यालय के छात्र रहे । 1962 में पाकिस्तान चले गए थे। वरिष्ठ कलाकार जय कृष्ण अग्रवाल ने उन्हे याद करते हुए कहा कि नकवी हमवतन होने के साथ-साथ मेरे अच्छे मित्र भी रहे थे। सरहद के पार जाने के उपरांत भी वह अपनी जमीन को भुला न सके..। कला एवं शिल्प महाविद्यालय, लखनऊ का इतिहास शुरू से ही समृद्ध रहा है।

lucknow news today : इस महाविद्यालय (College of Arts and Crafts Lucknow University ) के योगदान और यहाँ के कलाकारों का नाम स्वर्ण अक्षरों में अवश्य दर्ज किया जाएगा। महाविद्यालय ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका कला मे दिया है अब यह ज़िम्मेदारी हम कलाकारों की अवश्य बनती है की उसके योगदान को भूलने न दें और उसकी क्षवि और अस्तित्व को धूमिल के बजाय उसे सवारने मे भूमिका निभाए और महाविद्यालय के प्रति अपनी क्षमता अनुसार बचाने में कोशिश करें ।  बहरहाल आज हम इस महाविद्यालय से जुड़े एक महान विभूति को उनकी 90वीं जयंती पर याद कर रहें हैं जो एक मूर्तिकार रहे और अपनी मूर्तिशिल्प से दूर देशों मे इस लखनऊ कला महाविद्यालय (College of Arts and Crafts Lucknow University ) से सीखे हुए हुनर का सुंदर प्रदर्शन किया। वे महान विभूति थे मूर्तिकार सैयद अफ़सर मदद नक़वी।

lu news : सैयद अफसर मदद नकवी (10 अगस्त 1933 – 11 जनवरी 1997) 20वीं सदी के एक प्रमुख मूर्तिकार थे। वह अपनी शुद्ध यथार्थवादी स्मारकीय मूर्तियों के लिए जाने जाते हैं जिन्हें देश भर में कई स्थानों पर देखा जा सकता है । अफ़सर मदद नकवी का जन्म 10 अगस्त 1933 में भारत के अमरोहा (British India) में हुआ था। 1960 में उन्होने गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स, लखनऊ (College of Arts and Crafts Lucknow University )  भारत से डिप्लोमा और पोस्ट-डिप्लोमा किया । उन्होने 60 के दशक की शुरुआत में लखनऊ कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स में प्रसिद्ध मूर्तिकार मोहम्मद हनीफ के अधीन प्रशिक्षण लिया। वह उन कुछ योग्य मूर्तिकारों में से एक थे जो आदमकद आर्मेचर, सरल कास्टिंग और स्थायी सांचों के साथ मल्टीपल कास्टिंग बनाने की तकनीक सिखा सकते थे। उन्होंने धातु, लकड़ी, सीमेंट, प्लास्टर ऑफ पेरिस, संगमरमर, पत्थर और मिट्टी का काम बड़ी सहजता और सुविधा से किया। वह 1962 में पाकिस्तान चले गए ।

College of Arts and Crafts Lucknow news : उन्होंने पिछले पच्चीस वर्षों का अधिकांश समय संस्थान में कलाकारों की एक पीढ़ी को मूर्तिकला सिखाने में बिताया है। अपने काम में, सर नकवी पूर्वी मुहावरे के प्रतिपादक हैं। उपमहाद्वीपीय संस्कृति का उनका गहरा सौंदर्यशास्त्र हमें अतीत से जोड़ता है। वे अपनी लंबी उंगली से वे चतुराई से मिट्टी में छोटी-छोटी मूर्तियाँ बनाते थे, जबकि वे अपनी चर्चाएँ जारी रखते थे, जैसे कि उनका अपना जीवन हो। जबकि एक मास्टर मूर्तिकार के रूप में प्रसिद्धि उनसे नहीं मिली, उनके कौशल ने बहुत सम्मान अर्जित किया और तकनीकी मामलों में हमेशा उनकी सलाह मांगी जाती थी, जिसके लिए उन्हें शायद ही कभी आर्थिक रूप से मुआवजा दिया जाता था। अफ़सर नकवी की दृष्टि और सौंदर्यशास्त्र उनकी रचनात्मक अभिव्यक्ति और उनके उत्कृष्ट कार्य में पूर्णता के समान स्तर को प्राप्त करने के उनके प्रयास में अमिट रूप से अंकित था।

 

Spread your story

Check Also

bilaspur school news : छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ के संरक्षक सीके महिलांगे के नेतृत्व में नए DEO अनिल तिवारी को दी गई बधाई और समयमान वेतनमान का ज्ञापन भी सौंपा

bilaspur school news : छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ के संरक्षक सीके महिलांगे के नेतृत्व में नए DEO अनिल तिवारी को दी गई बधाई और समयमान वेतनमान का ज्ञापन भी सौंपा

Design & developed by Orbish Infotech