- चेतावनी – अगर 31 जुलाई 2023 तक मांगे पूरी नहीं होती है तो 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल 154 संगठनों के द्वारा किया जाएगा
बिलासपुर, 7 जुलाई । campussamachar.com, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में आज 7 जुलाई को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन एवं रैली का आयोजन किया गया जिसमें छत्तीसगढ़ के समस्त शासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों और समस्त प्रधान पाठक और समस्त प्राचार्य और समस्त व्याख्याता और समस्त लिपिक वर्ग कर्मचारी संगठन इस तरह से छत्तीसगढ़ के 154 संगठन मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त सभी संगठनों के द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन महारैली का आयोजन किया गया।
bilaspur news : धरना प्रदर्शन महारैली में कर्मचारियों के 5 सूत्री मांग प्रमुख रूप से शामिल रहे केंद्र के समान महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता और चार स्तरीय वेतनमान और वेतन विसंगति और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने हेतु मांगों पर विस्तृत चर्चा करते हुए सरकार के प्रति कर्मचारियों का आक्रोश दिखाई और सुनाई पड़ रहा था जो सरकार के लिए शुभ संकेत नहीं है छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा 5% की महंगाई भत्ता की घोषणा होने से कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है कर्मचारियों की मांग थी केंद्र के समान 9% महंगाई भत्ता और एचआर सातवें वेतनमान के रूप की घोषणा होने की उम्मीद लगाई जा रही थी परंतु घोषणा तो सफेद हाथी घोषित हुई, कर्मचारियों को केवल झुनझुना थमा दिया गया इस कारण कर्मचारियों में नाराजगी देखी जा रही है।
cg news in hindi : सभी संगठन के पदाधिकारी गणों ने एक स्वर में कहा कि अगर 31 जुलाई 2023 तक मांगे पूरी नहीं होती है तो 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल 154 संगठनों के द्वारा किया जाएगा इस तरह से पूरा छत्तीसगढ़ के शासकीय ऑफिस और सभी स्कूल बंद रहेंगे जिसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार जवाबदेही होगी।
cg news in hindi : आज के संगठन के आकर्षक के केंद्र हैं न्यायालय कर्मचारी संगठन बिलासपुर और स्वास्थ्य विभाग के समस्त कर्मचारी गण रैली के साथ उपस्थित होकर एक दिवसीय रैली और प्रदर्शन को सफल बनाने में बहुत बड़ी भूमिका रही है रैली के रूप में समस्त कर्मचारियों के द्वारा हल्ला बोलते हुए नारों के साथ कलेक्टर बिलासपुर को ज्ञापन सौंपा गया है।
bilaspur latest news : छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष सीके महिलांगे के द्वारा अपने भाषण के उद्बबोधन में छत्तीसगढ़ सरकार के नारे नरवा घुरवा अऊ बारी कब आही कर्मचारी के बारी, कर्मचारी अपने बारी का इंतजार करते साढ़े चार साल बीत गए लेकिन उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया जिसका उन्हें अभी तक इंतजार करके मजबूरी में हड़ताल करना पड़ रहा है, जिसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार जिम्मेदार है।