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lucknow teachers politics : लुआक्टा का फैसला -परीक्षा में असहयोग का निर्णय वापस लेकिन LU प्रशासन के खिलाफ आंदोलन रहेगा जारी और राजभवन मार्च…

  • 15 जुलाई 23 के बाद अपने न्यायोचित मांगो के लिए लुआक्टा का  राजभवन मार्च

लखनऊ, 25 जून । campussamachar.com, लुआक्टा कार्यकारिणी की आज 25 जून 2023 को  ऑनलाइन आहूत बैठक में लगातार गहन चिंतन मंथन के बाद निर्णय पारित हुआ कि चूंकि लगभग सभी विश्वविद्यालयों में BA तृतीय वर्ष की परीक्षाएं आयोजित हो चुकी है, लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र/ छात्राओं को अन्यत्र कहीं प्रवेश लेना हो सकता है, देर से परीक्षा एवं परिणाम के कारण उनका प्रवेश बाधित न हो जाए, केवल इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए लुआक्टा परीक्षा में असहयोग को वापस लेने का निर्णय लिया गया।

Lucknow University news :  लुआक्टा के अध्यक्ष डाक्टर मनोज पाण्डेय और महामंत्री प्रोफेसर अंशु केडिया ने बताया कि बैठक में साथ ही साथ यह भी अवगत कराना समीचीन है कि लुआक्टा के असहयोग के कारण छात्रों को अपने विषय में एक सप्ताह और अधिक अध्ययन करने का अवसर मिला । लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्र/ छात्राओं की एक सेमेस्टर की परीक्षा 8 माह में एवं दूसरे सेमेस्टर में 3 माह पढ़ने का अवसर भी न देने पर, छात्र विरोधी मानसिकता की निंदा करता है l शासन के दिनांक 19 जून 23 के निर्देशों के बाबजूद जिस प्रकार नई शिक्षा नीति मॉखौल विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किया गया है।

lucknow education news : सूच्य है कि 5वें सेमेस्टर में छात्र/ छात्राओं को पढ़ने और परीक्षा के लिए अगस्त 2022 से 11 अप्रैल 2023 का समय दिया गया परंतु अंतिम वर्ष जिसकी पढ़ाई आगे के नए पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु महत्वपूर्ण होती है उसमे नियमत: 3 माह भी पढ़ने का समय न देना, और धन उगाही के रास्ते तलाशते रहने की छात्र विरोधी मानसिकता है। लुआक्टा द्वारा अपने आंदोलन को जारी रखने का निर्णय यथावत रखा गया है । सूच्य है कि लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा सह्युक्त महाविद्यालयों के साथ किये जा रहे दोयम दर्जे के व्यवहार एवं महाविद्यालयो के अस्तित्व को समाप्त करने कुचक्र के कारण ही आंदोलन किया जा रहा है । महाविद्यालयो में 4 थे वर्ष में प्रवेश एवं शोध पर्यवेक्षण के अधिकार को समाप्त करने के सम्बंध में जिस प्रकार के बयान विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी किये जा रहे हैं, संगठन उसकी निंदा करता है ।संगठन के दबाव के कारण आज विश्वविद्यालय प्रशासन को एकेडमिक कलेंडर जारी करना पड़ा, संगठन द्वारा कलेंडर की विसंगतियों पर भी विश्वविद्यालय प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया जाएगा ।

lu news in hindi :   लुआक्टा के अध्यक्ष डाक्टर मनोज पाण्डेय और महामंत्री प्रोफेसर अंशु केडिया ने आंदोलन के बाबत बताया  उनके  संगठन द्वारा अपने 21 सूत्रीय मांगों के समर्थन में आंदोलन किया जा रहा है । आंदोलन के पहले चरण में विश्वविद्यालय में धरना दिया जा चुका है । आंदोलन के अगले चरण में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम, विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली एवं मनमाने ढंग से कार्य करने एवं छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने के मंतव्य से लखनऊ के सांसद एवं भारत सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  सहित  उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय जी,राज्य मंत्री  रजनी तिवारी  तथा सरकार द्वारा हाल में ही नियुक्त किये गए कोर्ट सदस्यों, को ज्ञापन एवं वार्ता की जायेगा यदि इसके बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो 15 जुलाई 23 के बाद अपने न्यायोचित मांगो के लिए लुआक्टा द्वारा राजभवन मॉर्च किया जायेगा। लुआक्टा का यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक उसकी न्यायोचित मांगो का समाधान नहीं हो जाता है ।

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