- संध्याकाल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में महिलाओं द्वारा साहित्यिक आयोजनों में महाराजा दाहिर सेन जी की जीवनी से संबंधित गीत,भाषण, उनकी जीवनी एवं कविताएं सुनाई गई
भिलाई, 16 जून । campussamachar.com, हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी साईं झुलेलाल धाम 32 एकड़ हाउसिंग बोर्ड भिलाई में सिंध की सीमाओं की रक्षा कर अपना सर्वस्व न्यौछावर कर कुर्बानी देने वाले सिन्धी समाज के अंतिम हिन्दू राजा अमर शहीद महाराजा दाहिर सेन जी के 1311 वें बलिदान दिवस को श्रद्धांजलि सभा व सांस्कृतिक, साहित्यिक आयोजनों से साईं झूलेलाल जी के सानिध्य में दिनाँक 16 जून 2023 को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में वृक्षारोपण कर मनाया गया और सभी ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी ली।
CG News in hindi : संध्याकाल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में महिलाओं द्वारा साहित्यिक आयोजनों में महाराजा दाहिर सेन जी की जीवनी से संबंधित गीत,भाषण, उनकी जीवनी एवं कविताएं सुनाई। सांस्कृतिक आयोजनों में महाराजा दाहिर सेन जी के जीवनी से संबंधित गीत,भजन गानें प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम के समापन पर सभी श्रद्धालुओं को स्वल्पाहार वितरित किया गया।समापन पर दीप प्रज्वलित कर मौन श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित महिलाओं व पुरुषों के अलावा शामिल न हो पाने वाले उक्त समय में यथास्थान दो मिनट मौन होकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
Chhattisgarh news : समाज की एकता एवं देशभक्ति की भावना व अखंडता को कायम रखने के लिए सुबह एवं शाम के कार्यक्रमों में समाज के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कृष्णानी एवं वरिष्ठ सदस्या ईश्वरी बढ़ानी ने अपने उद्बोधन में महाराजा दाहिर सेन जी की शूरवीरता के बारे में बताया कि राजा दाहिर सेन लोधी सिंध के अंतिम हिंदू राजा थे। उनके समय में ही अरबों ने सर्वप्रथम सन 712 में भारत (सिंध) पर आक्रमण किया था। मुहम्मद बिन क़ासिम मिशन 712 में राजा दहिर सेन ने उसे रोककर युद्ध लड़कर सिंध को बचाया। उनका शासन काल 663 से 712 ईसवी तक रहा । उन्होंने अपने शासनकाल में अपने सिंध प्रांत को बहुत ही मजबूत बनाया। मोहम्मद साहब के पारिवारिक हुसैन इब्न अली और अन्य कई लोगों ने इनसे शरण मांगी इन्होंने सभी को शरण दी।
bhilai_durg news : अरब में खलीफा शासन लागू होने पर खलीफा मोहम्मद साहब के वारिस को और सभी पारिवारिक लोगों को मारने हेतु जनरल हज्जाज को फौजी दस्ते के साथ भेजा और राजा दाहिर सेन ने उसको मार के भगा दिया।फिर अरब के खलीफा ने मोहम्मद बिन कासिम को भेजा और कासिम ने राजा दाहिर सेन जी एक सिपहसालार को दाहिर को राज गद्दी का ख्वाब दिखाकर राजा के साथ गद्दारी कर पहली बार राजा को हराया। राजा दाहिर सेन लोधी अपने जीवन काल में कभी नही हारे थे। 16 जून 712 में उनका सिंधु नदी के किनारे उन्होंने बलिदान दे दिया।
bhilai news in hindi : इस अवसर पर समाज की ओर से समाज के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कृष्णानी,सचिव अनिल थारवानी, वरिष्ठ सदस्य हेमंत आसनानी, मनोज डींगा,अमृत कृष्णानी,पंडित दीपांकर मिश्रा,लता मेहरचंदानी, माया थारानी,ईश्वरी बड़ानी, अंजली कृष्णानी,मोहिनी थारवानी,मीना आयलानी, सुमन थारवानी, माया पंजवानी,लक्ष्मी भगतानी आदि उपस्थित थे। आदर्श सिंध ब्रादर मंडल के सचिव अनिल थारवानी ने दी है ।