लखनऊ, 7 जून । campussamachar.com, विदेश में ऑनलाइन माध्यम से विदेश में कैंपस खोलने की चल रही तैयारियों पर लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ ( लुआक्टा) ने तंज कसा है । लुआक्टा के अध्यक्ष डॉक्टर मनोज पांडे एवं महामंत्री प्रोफ़ेसर अंशु केडिया ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय ( Lucknow University )पहले अपने परिसर और सहयोग महाविद्यालयों की शैक्षिक समस्याओं को दूर करें तो अधिक बेहतर गुणवत्ता के साथ विद्यार्थियों को शिक्षा मिल सकती है और जहां तक विदेश में कैंपस खोलने की बात है तो यह है यह तो वही बात की ऊंची दुकान फीके पकवान । आजकल विश्वविद्यालय रैंकिंग और ब्रांड के नाम पर दौड़ में शामिल है और जमीनी हकीकत से कोसों दूर है या जानबूझकर अनभिज्ञ है l उदाहरण है कल की मीडिया मे प्रसारित लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा दी गई सूचना कि ऑनलाइन शिक्षण माध्यम से विदेशों में खुलेगा कैम्पस
Lucknow University news : गौरतलब है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र एवं कतिपय अन्य विभागों द्वारा अपने ही विश्वविद्यालय ( Lucknow University ) से सह्युक्त महाविद्यालयों के शिक्षकों को ऑनलाइन कोर्स वर्क कराने से इसलिए मना कर दिया कि हम ऑनलाइन पढ़ाने के लिए संसाधन नहीं रखते, जबकि विश्वविद्यालय द्वारा सरकार को अवगत कराया गया था कि कोविडकाल में सभी शिक्षकों ने ऑनलाइन कक्षाएं ली । यहां तक कि रिफ्रेशर एवं ओरिएंटेशन की कक्षाएं भी ऑनलाइन पढ़ाई गई हैं । अवगत कराना है कि UGC नियमों के अनुसार जब तक शिक्षक पीएचडी नहीं कर लेता है, तब तक उसके प्रमोशन बाधित रहते हैं और शिक्षक को आर्थिक और मानसिक कष्ट भी वहन करना पड़ रहा है ।
Lucknow news : लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ मनोज पांडेय और महामंत्री डॉ अंशु केडिया ने बताया कि लुआक्टा के संघर्षों से जारी शासनादेश एवं अध्यादेश में संशोधन के बावजूद ऑनलाइन कोर्स वर्क कराने में अक्षमता समझ से परे है। अब हम विदेशों में ऑनलाइन शिक्षण कैम्पस खोलने की प्रक्रिया में है लेकिन स्थानीय स्तर पर चिराग तले अंधेरा है । लुआक्टा विश्वविद्यालय प्रशासन से माँग करती है कृपया पहले अपने घर को मजबूत करें ।