लखनऊ, 29 मई । campussamachar.com, उत्तर प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पिछले दो दशक से भी ज्यादा समय से कार्यरत तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। इस मामले को सबसे ज्यादा माध्यमिक शिक्षक संघ पांडेय गुट उठा रहा है और लगातार सरकार पर दबाव बना कर इन शिक्षकों को मानवीय आधार पर नियमित करने की घोषणा करने की मांग कर रहा है । उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट ) ने प्रदेश की योगी सरकार का ध्यान विगत 7 अगस्त 93 से 30 दिसंबर 2000 के मध्य नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करने की ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। यह तदर्थ शिक्षक 25 वर्षों से भी अधिक समय से कार्यरत हैं।
lucknow teachers news : माध्यमिक शिक्षक संघ पांडेय गुट के वरिष्ठ शिक्षक नेता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने आज यहां जारी अपनी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि यह वे तदर्थ शिक्षक हैं जो 25 जनवरी 1999 तक कठिनाई निवारण अधिनियम में तत्समय प्रचलित नियम के अंतर्गत नियुक्त हैं और अद्यतन कार्यरत हैं , विदित हो कि इसी प्रकार नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 2016 की धारा 33(6) के अंतर्गत नियमित किए जाने हेतु 22 मार्च 2016 को ही प्रावधान कर दिया गया है।
इसी अधिनियम की धारा 38(6 )के प्रस्तर 8 में न्यायालय आदेश का उल्लेख कर इन्हें विनियमित करने से वंचित कर उनके साथ घोर अन्याय हुआ है। शिक्षक नेता त्रिपाठी ने बताया कि शासन के बिना किसी आदेश के शिक्षकों का विगत 10 महीनों से वेतन भुगतान तक ना होने से वह भुखमरी के शिकार हो रहे हैं। सभी तदर्थ शिक्षकों से शिक्षण, परीक्षण संबंधी समस्त दायित्वों का निर्वहन कराया जा रहा है और ऐसे में उन्हें वेतन न दिया जाना अत्यंत घोर अन्याय है। शिक्षक नेता ने मुख्यमंत्री से वेतन भुगतान के साथ ही प्रस्तर 8 को डिलीट कर तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने की पुरजोर मांग की है।