- कार्यशाला के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव एवं संचालन डॉ. गरिमा तिवारी, सहायक प्राध्यपाक वानिकी, वन्य जीव एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग ने किया।
बिलासपुर, 22 मई। campussamachar.com, गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (Guru Ghasidas University Bilaspur केन्द्रीय विश्वविद्यालय) में 21 मई, 2023 चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व के समग्र विकास विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन समारोह रजत जयंती सभागार में हुआ। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (Guru Ghasidas University Bilaspur ) एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में 19 से 21 मई, 2023 तक आयोजित कार्यशाला के मुख्य अतिथि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी एवं अध्यक्षता विश्वविद्यालय (Guru Ghasidas University Bilaspur ) के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल रहे।
Guru Ghasidas University Bilaspur : मुख्य अतिथि डॉ. अतुल कोठारी ने कार्यशाला के समापन अवसर पर आयोजन समिति के सदस्यों को तीन दिवसीय कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए बधाई देते हुए प्रतिभागियों की सहभागिता की सराहना की। डॉ. कोठारी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में चरित्र निर्माण और छात्रों के सर्वांगीण विकास पर विशेष बल दिया गया है। चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व के समग्र विकास पर गुरु घासीदास विश्वविद्यालय से प्रारंभ हुई कार्यशाला की एक शुराआत है, अंत नहीं। आगामी योजना के अंतर्गत स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी कोर्स वर्क में चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास के पाठ्यक्रम को शामिल करते हुए अन्य पाठ्यक्रमों में भी इसे समाहित करने पर बल दिया।
ggu news : समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कार्यशाला में सहभागिता कर रहे शिक्षकों को पंचकोशीय अवधारणा को जीवन में आत्मसात करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) का प्रमुख उद्देश्य युवाओं को चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास की मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करना है। पंचकोशीय अवधारणा के माध्यम से शिक्षकों को मास्टर्स ट्रेनिंग प्रदान कर रिसोर्स पर्सन के रूप में तैयार किया जा रहा है। पंचकोशीय अवधारणा से व्यक्तित्व का समग्र विकास होता है जो चरित्र निर्माण के रूप में सामने प्रकट होता है।
Guru Ghasidas University Bilaspur : इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर मां सरस्वती एवं बाबा घासीदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ। मंचस्थ अतिथियों का नन्हा पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यशाला के सह-समन्वयक प्रो. प्रवीण कुमार मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत किया। समन्वयक प्रो. पी.के. बाजपेयी ने तीन दिवसीय कार्यशाला का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। अन्य मंचस्थ अतिथियों प्रो. नीलांबरी दवे, पूर्व कुलपति, सौराष्ट्र विश्वविद्यालय, राजकोट गुजरात एवं अशोक कड़ेल, संचालक मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी, भोपाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यशाला के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव एवं संचालन डॉ. गरिमा तिवारी, सहायक प्राध्यपाक वानिकी, वन्य जीव एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, अधिकारीगण, शिक्षणकगण एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।
पंचकोशीय अवधारणा को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार
#ggu : चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व के समग्र विकास से संबंधित विभिन्न आयामों को स्नातक, स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने पर मंथन हुआ। साथ ही विद्यार्थियों को दिये जाने वाले क्रेडिट के निर्धारण पर भी विचार किया गया।
20 समूहों में 400 से ज्यादा शिक्षक प्रतिभागियों ने मंथन
इस कार्यशाला में 400 से ज्यादा शिक्षकों ने प्रतिभागी के रूप में सहभागिता की। कार्यशाला में 20 समूहों का गठन किया गया है। जिन्होंने प्रशिक्षण के विभिन्न विषयों पर विचार, परिचर्चा विश्लेषण, समीक्षा एवं निष्कषों का लेखन किया।
देशभर से विषय विशेषज्ञ हुए शामिल
डॉ. अतुल कोठारी जी,राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली, श्री देशराज शर्मा, पूर्व प्राचार्य, सर्वहितकारी विद्या मंदिर, तलवाडा, पंजाब, डॉ. अजय तिवारी कुलाधिपति स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय, सागर म.प्र., डॉ. मनोहर भंडारी एमबीबीएस एमडी, इंदौर म.प्र., अशोक कड़ेल, संचालक मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी, भोपाल, जयेन्द्र जाधव सदस्य सचिव गुजरात साहित्य अकादमी गुजरात एवं श्री संजय शर्मा डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर म.प्र. शामिल रहे।