- अगर कलेक्टर, आई.पी.एस, बन जाओ तो भी छत्तीसगढ़ी बोलना सीखना पड़ेगा- अनिल तिवारी
- इस मेले की आयोजन कर्ता प्रधान पाठिका निशा अवस्थी ने माताओं को किया प्रेरित
बिलासपुर, 25 अप्रैल। campussamachar.com, जनपद प्राथमिक शाला जलसो संकुल पौसरा में आज 25 अप्रैल 2023 को अंगना म शिक्षा 3.0 पढ़ई तिहार मेला का आयोजन किया गया । ईसमें सक्रिय माताओं का AMC समूह का गठन किया था और इसकी मुखिया स्मार्ट माता होती है। इस मेले की आयोजन कर्ता प्रधान पाठिका निशा अवस्थी ने (आंगनबाड़ी और बालवाड़ी) की 5 से 6 वर्ष के बच्चों की माताओं को बुलाकर कक्षा पहली में भर्ती होने वाले बच्चों को घर पर सिखाने को तैयार करने के लिए प्रशिक्षण देकर निर्देशित एवं प्रेरित किया गया।
bilaspur education news : माताएं बच्चों की पहली गुरु होती है, इसलिए ग्रीष्मावकाश से पहले माताएं घर के आंगन में लेखन और पठान कर अपने बच्चों को सामान्य वस्तुओं के नाम और पहचान बताएंगी। स्कूल जाने के लिए बच्चों को मानसिक रूप से तैयार करेंगी। माताएं घरेलू काम करते करते बच्चों को पढ़ाएंगी। मेले में आई माताओं को सपोर्ट कार्ड दिए गए और 9 काउंटर बनाकर अलग अलग एक्टिविटी कराए जा रहे थे।
bilaspur news : इसी बीच एडीपीओ एवं राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त अनिल तिवारी अपने सहयोगी साहू जी के साथ मेले का अवलोकन करने आए और उन्होंने बताया कि सभी माताएं अपने बच्चों को मात्र भाषा (माई भाखा) छत्तीसगढ़ी बोली का महत्व बताएं। उन्होंने कहा अगर कलेक्टर, आई.पी.एस, बन जाओ तो भी छत्तीसगढ़ी बोलना सीखना पड़ेगा। जो स्मार्ट माता बच्चों को सबसे अधिक शाला में प्रवेश दिलाएगी उसे ₹500 इनाम मिलेगा। उन्होंने बच्चे को गोद में लेकर पढ़ाई का महत्व बताया और माताओं को कहा कि बसंत पंचमी(सरस्वती पूजा) के समय स्लेट में ग बोलकर पढ़ना लिखना चाहिए। पुराना सभी काउंटरों का अवलोकन कर माताओं से बात की।
bilaspur education news : इस मेले का अवलोकन सरपंच सुरेंद्र साहू एवं उपसरपंच विकास वर्मा (शाला विकास समिति के अध्यक्ष) मध्यान भोजन प्रभारी एवं जनप्रतिनिधि त्रिलोकी वर्मा जी के द्वारा किया गया। इस मेले का मुख्य उद्देश्य स्कूल में प्रवेश से पहले घर पर ही बच्चों का सर्वांगीण विकास करना क्योंकि छोटे बच्चों का लगाव मां से ज्यादा होता हैं। इस प्रकार मेले का भव्य आयोजन किया गया।
campus news : मेले के समापन के समय सभी माताओं को स्वल्पाहार दिया गया। इस मेले का आयोजन करने में सभी शिक्षक शिक्षिकाओं अनीता बंजारे, बसंत पांडे, संध्या चतुर्वेदी, सुनील बंजारे, प्रेम वल्लभ शुक्ला, सरिता सायसेरा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।