- छ.ग.शिक्षक संघ कोरबा के जिलाध्यक्ष मानसिंह राठिया ने इस मामले में कार्यवाही की मांग की है।
कोरबा, 23 अप्रैल ।campussamachar.com, शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जो जीवन में परिवर्तन लाता है इस उद्देश्य से शिक्षा का प्रसार हर बच्चा तक पहुंचे इसके लिए शासन द्वारा प्रत्येक गांव ,पारा,टोला ,मोहल्ला में विद्यालय खोले गए हैं और इस व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालन के लिए विभिन्न स्तर पर अधिकारी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। लेकिन जब संचालन कर्ता ही अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए अपने कर्तव्यों को ही ताक में रखकर कार्य करने लगे तब कोई भी कार्य का उद्देश्य पूरा नहीं किया जा सकता ।
CG education news : कुछ ऐसा कि एक मामला कोरबा जिला के वनांचल आदिवासी बहुल BEO office पोड़ी उपरोड़ा का है । मोटी रकम भेंट कर अपनी मनमानी जगह पदस्थापना कराने के बाद यहां के बी ई ओ आए दिन बदलते रहते हैं और अपने स्वार्थ पूर्ति में लगे रहने के कारण हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं । कई मामलों में कार्यालयीन स्टाफ निलंबित भी हो चुके हैं अभी हाल ही में पूर्व बी ई ओ कुमदेश गोभिल 6 माह पूर्व ही पदस्थ हुए थे अल्प समय में ही वे सुर्खियां बटोरने में लग गए जब प्रधान पाठक पदोन्नति रिलीविंग में इन पर मोटी रकम लिए जाने गंभीर आरोप लगे थे। खा तो यहाँ तक जाता है कि ट्रांसफर में भी शालाओं को शिक्षक विहीन कर दिया गया । इस बात को पाली तानाखार विधायक द्वारा भी उठाया गया था ।
#छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ : छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के पदाधिकारियों के अनुसार विकासखंड के एक शिक्षक ने पूर्व बी ई ओ कुमदेश गोभिल के ऊपर आरोप लगाया था कि पैसा लेने के बावजूद भी उनका वेतन रोका गया था जिसकी जांच भी हुई और 28 फरवरी को जांच अधिकारियों के द्वारा जांच भी कि गई और जिला कार्यालय में प्रतिवेदन जमा भी कर दिया गया किंतु आज पर्यंत तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई जबकि पीड़ित कार्यवाही का इंतज़ारकर रही हैं । इस लेटलतीफी के कारण ही जिला कार्यालय भी संदेह के घेरे में नजर आता है ।
korba news :छ.ग.शिक्षक संघ कोरबा के जिलाध्यक्ष मानसिंह राठिया के अनुसार BEO के प्रभार में न रहते हुए CAC को फोन करके संकुल ग्रांट का कमीशन वा बालवाड़ी का पैसा मांगा जा रहा है, और शिकायत कि जानकारी होने के बाद भी जिला कार्यालय अनसुना कर रहा है। अधिकारी अपनी ऊंची पहुंच दिखाकर शिक्षकों को प्रताड़ित भी करते हैं और कार्यवाही से बचते हैं। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ ने ऐसे अधिकारी का जांच प्रतिवेदन तत्काल ओपन कर उचित कार्यवाही करने की मांग की है।