- चार दिवसीय कार्यशाला के दौरान पेपर पल्प और बांस के मिश्रण से तैयार की गयी चार फीट ऊँची कलाकृति।
- डॉ बिनॉय पॉल की कलाकृतियों की प्रदर्शनी 18 अप्रैल से, होटल लेबुआ के सराका आर्ट गैलरी में।
लखनऊ, 17 अप्रैल। डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय,उत्तर प्रदेश (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University ) के वास्तुकला एवं योजना संकाय टैगोर मार्ग कैम्पस (Faculty of Architecture and Planning, AKTU) में चल रहे चार दिवसीय पेपर पल्प कला कार्यशाला का समापन रविवार को देर रात किया गया। वास्तुकला संकाय के प्रतिभागी छात्र – छात्राओं ने इस दौरान पेपर पल्प बनाने की विधि से लेकर उसके बहुआयामी प्रयोग को विस्तृत रूप में सीखा। छात्रों ने उत्साहपूर्वक पेपर पल्प के माध्यम से अनेकों आकृतियों का निर्माण किया साथ ही कार्यशाला के असम के आमंत्रित विशिष्ठ कलाकार डॉ बिनॉय पॉल के साथ मिलकर एक बड़े आकार लगभग चार फुट ऊँची कलाकृति “एक आकर्षणीय विश्व” के निर्माण में सहयोग किया। संकाय की विभागाध्यक्ष प्रो. रितु गुलाटी ने सोमवार को इस कृति का अवलोकन किया साथ ही कलाकृति की भूरी भूरी प्रशंशा एवं सराहना की। उन्होने कहा की इस प्रकार के कलात्मक कार्यशाला से वास्तुकला संकाय के बच्चों को अपने कार्यों में कलात्मकता, प्रदर्शन, माध्यम की तकनीक को समझने और कला दृष्टि से सहयोग प्राप्त होता है ।
Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University : भूपेंद्र कुमार अस्थाना ( bhupendra k. asthana Fine Art Professional ) ने बताया कि रविवार को कार्यशाला के अंतिम दिन आकृतियों की संरचनाओं को पूरा करने का कार्य और इसपे रंगों को लगाने का कार्य किया गया। ज्ञातव्य हो कि मंगलवार को होटल लेबुआ के सराका आर्ट गैलरी में डॉ बिनॉय पॉल के पेपर पल्प और बांस से तैयार 20 लघु मूर्तियों की कलाकृतियों कि एकल प्रदर्शनी शीर्षक “द टेल ऑफ़ मैजिकल बिंग्स “ भी लगायी जा रही है जिसका उद्घाटन मुकेश कुमार मेश्राम ( प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ) सायं 3:30 बजे करेंगे। इस प्रदर्शनी की क्यूरेटर वंदना सहगल हैं।
Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University : वास्तुकला संकाय (Faculty of Architecture and Planning, AKTU) में कार्यशाला के दौरान कलाकार बिनॉय पॉल ने अपनी प्रदेश के पृष्ठभूमि से जुड़े प्रतीकों एवं संस्कृतियो में प्रचलित माध्यम बांस का भी प्रयोग कलाकृति के निर्माण में किया। उन्होंने बताया कि असम की संस्कृतिक से जुड़े चित्रांकन प्रभाव को इस कार्य में प्रदर्शित किया गया है। निःसंदेह यह एक सुंदर एवं आकर्षक कलाकृति है। डॉ पॉल ने कहा कि मेरा कार्य समाज को जिसमें मैंने योगदान दिया है, उसके लिए एक सकारात्मक प्रभाव पैदा करता है। यह रचनात्मक व्यक्तित्व के लिए एक माध्यम, विचारों को अन्वेषण और साझा करने के लिए एक रास्ता और हमारे आसपास की दुनिया पर विचार करने के लिए एक समझ पैदा करता है। मेरा कार्य समाज के सभी उम्र, पृष्ठभूमि और संस्कृतियों से जुड़े समस्त वर्ग के लिए है साथ ही उसपर विचार करने और महत्वपूर्ण कार्य बनाने के लिए प्रेरित भी करता है। मेरा विश्वास है कि मेरी कला भविष्य के लिए प्रेरणा और प्रोत्साहन प्रदान करके समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
lucknow news : डॉ पॉल कार्यशाला में बनाये गए कलाकृति के बारे में कहते हैं कि पेपर मशे एक आनंददायक क्राफ्ट है जो एक रूप या वस्तु को गुलेरी या पेस्ट में भिगोए गए कागज की पट्टियों से ढकने के साथ संबंधित है, जैसे आटा और पानी या वॉलपेपर पेस्ट। जब कागज लगाया जाता है, तो यह सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है और रूप पूरा हो जाता है। यह विविध तकनीक अक्सर आकर्षक सजावटी वस्तुओं या कलाकृतियों बनाने के लिए उपयोग किया जाता है, और यह मास्क, गुड़ियों और अन्य अनूठे निर्माणों के लिए एक लोकप्रिय चयन भी है। आप किसी भी अनुभवी कलाकार या शुरुआती हो तो पेपर माशे एक मजेदार और पुरस्कारी क्राफ्ट है जो आपको अपनी कृतिकारी को बहाल करने और अपने विचारों को जीवित करने की अनुमति देता है।
मूर्तिकार व समन्वयक गिरीश पाण्डेय ने कलाकृति की सराहना करते हुए बताया कि डॉ पॉल को असम की संस्कृति को अवध क्षेत्र के इस महाविद्यालय में चित्रांकित कर एक अनुपम उपहार देने के लिए धन्यवाद दिया ।साथ ही बताया कि विगत कुछ ही समय के अंदर इस संस्था में विभिन्न संस्कृतियों से जुड़े विभिन्न कला विधाओं के कला कार्यशाला बहुतायत संख्या में आयोजित की गई। भविष्य में अन्य कला लोक एवं जन जातीय कला विधाओं की कार्यशाला शृंखलाबद्ध है ।
campus news : कार्यशाला के समन्वयक कला शिक्षक गिरीश पांडेय,धीरज यादव,रत्नप्रिया कांत व अन्य शिक्षकगण के साथ वास्तुकला एवं योजना संकाय (Faculty of Architecture and Planning, AKTU) के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ वर्ष के लतिका सिंह, रिया सिंह, विशाखा तिवारी, अन्सुमंन, आर्यन, विशाल सहित छात्र एवं छात्रा विशेषज्ञ के साथ उपस्थित रहे एवं इस कार्यशाला को देखने शहर के अन्य कला प्रेमियों ने भी अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज कराइ और इस कार्यशाला की सराहना भी की।