रायसेन. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (NEP-2020) के अनुरूप संस्कृत में पाठ्यक्रम विकसित करने के उद्देश्य से महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान द्वारा होटल लेक व्यू अशोका श्यामला हिल्स में पाठ्यक्रम निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया। संस्थान के चेयरमैन भरत बैरागी राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त ने सहभागी विद्वानों को उद्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रकाश में ऐसा पाठ्यक्रम बनाया जाएगा, जो आगामी 20 वर्षों तक के लिए उपयोगी हो। यह बच्चों को शिक्षित करने के साथ उनमें संस्कार और पुरुषार्थ के गुण विकसित करने का माध्यम बने।
राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त विद्वान डॉ. चाँद किरण सलूजा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रकाश में संस्कृत का स्थान एवं उपादेयता पर प्रकाश डालते हुए मार्गदर्शन दिया। निदेशक प्रभात राज तिवारी और डॉ. एम.पी. जैन ने भाषा अनुसंधान, जिसमें संस्कृत भाषा सीखने वाले बच्चे अधिक तेजी से अधिगम की प्रक्रिया करते हैं, पर प्रेजेंटेशन दिया गया। कार्यशाला में उपस्थित अन्य विद्वानों ने बहुमूल्य सुझाव प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के संस्कृत विद्वानों एवं शिक्षाशास्त्रियों ने प्रतिभागिता की। इसमें डॉ. डी.सी. तिवारी, प्रो. सुबोध शर्मा, प्रो. हँसधर झा, डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय, डॉ. पवन व्यास, डॉ हिम्मत लाल शर्मा, डॉ. दिवाकर शर्मा, सुनीता तिवारी और डॉ. राजेंद्र प्रसाद गुप्त उपस्थित थे।