Breaking News

EPS 95 Pension : कर्मचारी पेंशन योजना (EPS 95) अब तक जहां 7,500 रुपये पेंशन बनती है, अब बनेगी 50,000- लेकिन कैसे- समझिए एक्सपर्ट जीपी तिवारी से

जीपी तिवारी वित्तीय सलाहकार

 बिलासपुर/ रायपुर। 26 फरवरी। #campussamachar.com. कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) ने हायर पेंशन का विकल्प खोल दिया है. इस संबंध में ईपीएफओ ने 20 फरवरी 2023 को सर्कुलर जारी किया है. विस्तृत विवरण आना बाकी है. अब पीएफ खाताधारक अधिक पेंशन वाली व्यवस्था का चयन कर सकते हैं. चयन करने का अंतिम तिथि तीन मार्च 2023 है, हालांकि, लोगों के मन में एक जरूरी सवाल है कि ये संभव कैसे होगा.क्या कर्मचारियों से इसके लिए अतिरिक्त रकम ली जाएगी या फिर ईपीएफओ खुद इसकी भरपाई करेगा?

रिटायरमेंट के बाद पेंशन का लाभ दिलाने के लिए 1995 में नया नियम लागू किया गया था. पहले पेंशन फंड में अंशदान के लिए अधिकतम वेज 6,500 रुपये माना गया था. कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) के हर मेंबर के दो खाते होते हैं. एक कर्मचारी भविष्‍य निधि (EPF) और दूसरा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS). अब असमंजस की स्थिति को सरल करने के लिए जीपी तिवारी वित्तीय सलाहकार, सहकारिता एवं साइबर लॉ एक्सपर्ट बिलासपुर (छ.ग.) से समझते है, सभी असमंजस का समाधान हो जायेगा।
सवाल – जिस EPS-95 की चर्चा है, वो असल में है क्या?
जीपी तिवारी ने बताया कि प्राइवेट सेक्‍टर के कर्मचारियों (जो ईपीएफओ के खाताधारक हैं) रिटायरमेंट के बाद पेंशन का लाभ दिलाने के लिए 1995 में नया नियम लागू किया गया था. इसे ही EPS-95 कहते हैं. इसके तहत, पहले पेंशन फंड में अंशदान के लिए अधिकतम वेज 6,500 रुपये माना गया था. यानी आपकी सैलरी कितनी भी हो, पेंशन फंड में 6,500 का 8.33 फीसदी ही जाएगा. बाद में इसे बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया. यानी आपका वेतन कितना भी हो, पेंशन फंड में 15,000 रुपये का 8.33 फीसदी ही जाएगा. लेकिन, 2014 के बाद इस कैप को खत्‍म कर दिया गया और कर्मचारी को अपने बेस‍िक और डीए की कुल रकम पर 8.33 फीसदी पेंशन फंड में अंशदान की छूट मिल गई.
सवाल – कौन और कैसे करता है पेंशन फंड में अंशदान?
कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) के हर मेंबर के 2 खाते होते हैं. एक कर्मचारी भविष्‍य निधि (EPF) और दूसरा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS). कर्मचारी के बेसिक और डीए से हर महीने 12 फीसदी राशि काटकर EPF में डाली जाती है, जबकि उसका नियोक्‍ता भी कर्मचारी के बेसिक और डीए का 12 फीसदी डालता है. लेकिन, नियोक्‍ता का पूरा अंशदान EPF में नहीं जाता. नियोक्‍ता के अंशदान में से 8.33 फीसदी रकम EPS खाते में जाती है, जबकि 3.67 फीसदी रकम EPF खाते में डाली जाती है.
सवाल – पहले क्‍या था, अब क्‍या बदल गया?
जीपी तिवारी कहते हैं कि इस पूरे बदलाव का कर्मचारी की ओर से होने वाले अंशदान पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सारा चेंज नियोक्‍ता के अंशदान वाले हिस्‍से में होना है. इसे थोड़ा कैलकुलेशन से समझना बेहतर होगा. EPS में पहले 6,500 रुपये के अधिकतम वेज पर ही अंशदान होता था. इसका मतलब हुआ कि अगर आपकी बेसिक और डीए सैलरी 1,00,000 रुपये थी, तो कर्मचारी की ओर से इसका 12 फीसदी यानी 12,000 रुपये सीधे EPF खाते में डाल दिया जाता था. वहीं, नियोक्‍ता की ओर से 6,500 रुपये का 8.33 फीसदी यानी 541.45 रुपये EPS में डाला जाता था और बाकी पूरा पैसा EPF खाते में जाता था. बाद में वेज बढ़कर 15,000 हो गया तो नियोक्‍ता का EPS में अंशदान इसका 8.33 फीसदी यानी 1,249.50 रुपये होने लगा और बाकी पैसा EPF खाते में जाता था. लेकिन, 2014 से EPS में अंशदान पर वेज कैप खत्‍म कर दिया गया और आपकी बेसिक और डीए के कुल पैसे का 8.33 फीसदी रकम डालने का विकल्‍प दे दिया गया.
सवाल – हायर पेंशन का विकल्प चुन लूं तो क्या मेरे इम्पलॉयर को मेरे लिए ज्यादा पैसा जमा करन होगा?
ऐसा बिलकुल भी नहीं होगा. इसमें न तो नियोक्‍ता पर कोई बोझ पड़ने वाला है और न ही कर्मचारी पर. बस, नियोक्‍ता की ओर से EPS और EPF खाते में जमा होने वाली रकम में बदलाव आ जाएगा और यह काफी ज्‍यादा होगा. कैसे, मान लीजिए आपकी बेसिक और डीए की कुल रकम 1,00,000 रुपये हुई तो अब इसका 8.33 फीसदी यानी 8,330 रुपये का अंशदान नियोक्‍ता EPS फंड में करेगा, जबकि EPF में 3.67 फीसदी यानी 3,670 रुपये ही जाएंगे.

सवाल – ज्यादा पेंशन, मतलब कितनी ज्यादा?
यह सबसे इस पूरे बदलाव का सबसे अहम सवाल है और इसका जवाब भी काफी रोचक है. दरअसल, पहले पीएफ खाताधारक (PF Account Holder) के लिए पेंशन की गणना 6,500 रुपये के वेतन को ही आधार मानकर की जाती थी. इसका फॉर्मूला था- पेंशन योग्‍य वेतन x नौकरी के साल/70. अगर किसी व्‍यक्ति ने 35 साल की नौकरी की तो इस फॉर्मूले पर वह रिटायरमेंट के बाद 3,250 रुपये पेंशन का हकदार होगा. EPF वेज बढ़कर 15 हजार हुआ तब इसी फॉर्मूले पर पेंशन बढ़कर 7,500 रुपये महीने पहुंच गई. यानी 35 साल नौकरी के बाद रिटायर हुआ तो मासिक पेंशन 7,500 रुपये बनेगी. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसका फॉर्मूला बदला और नौकरी के अंतिम 60 महीने के औसत वेतन को पेंशन योग्‍य सैलरी माना.

मौजूदा फॉर्मूले से जाएं तो क्‍या होगा-
–मान लीजिए आपकी नौकरी के आखिरी 60 महीने का औसत वेतन 1 लाख रुपये.–अब कैलकुलेशन होगा 1 लाख गुणा नौकरी के कुल साल. इसे 70 से भाग किया जाएगा.–इस फॉर्मूले पर आपकी पेंशन बनेगी 50 हजार रुपये.–अब समझे न कि पहले 7,500 रुपये पेंशन बन रही थी और अब 50 हजार की बनेगी. यानी 42,500 रुपये ज्‍यादा.
सवाल – यदि मैं हायर पेंशन का विकल्प चुनता हूं तो मेरी मंथली टेक होम सैलरी पर क्या असर पड़ेगा?
एक्‍सपर्ट का इस बारे में साफ जवाब है – कोई नहीं. कर्मचारी के हाथ में आने वाले वेतन में कोई बदलाव नहीं होगा.
सवाल – फिर कर्मचारी पर असर कैसे होगा?
हां, इसका असर आपके रिटायरमेंट फंड पर जरूर होगा. जब कर्मचारी रिटायर होंगे तो उनके पीएफ खाते में जमा रकम हायर पेंशन का ऑप्‍शन चुनने की वजह से कम हो जाएगी. इसका मतलब हुआ आपके हाथ में आने वाली एकमुश्‍त रकम घट जाएगी, लेकिन पेंशन वाली रकम बढ़ जाएगी.
सवाल – इसमें इनरॉल करूं या न करूं?
देखिए, इसका सभी के लिए स्पष्ट जवाब नहीं दिया सकता. इस बदलाव का हर कर्मचारी पर अलग असर होगा और उन्‍हें अपने नफा-नुकसान को देखते हुए सही विकल्‍प चुनना चाहिए. इतना जरूर कह सकते हैं कि अगर आपकी नौकरी के कम साल बचे हैं और वेतन में ज्‍यादा बढ़ोतरी की उम्‍मीद नहीं तो आपको फंड बनाने पर जोर देना चाहिए और पुरानी व्‍यवस्‍था के तहत अपने PF खाते में ज्‍यादा रकम जमा करानी चाहिए. लेकिन, अगर नौकरी की शुरुआत कम वेतन पर हुई थी और अब आपको अच्‍छी-खासी सैलरी मिल रही है और नौकरी के कुछ साल बाकी भी हैं, तो EPS 95 फायदे का सौदा है और आपको जरूर चुनना चाहिए. एक और बात अगर आप हायर पेंशन का विकल्‍प चुनते हैं तो आपके पीएफ खाते में जमा रकम को, नए नियम के अनुसार, काटकर EPS में डाल दिया जाएगा.
सवाल – क्या मैं हायर पेंशन पाने के लिए इनरॉल कर सकता हूं?
यहां एक बात जानना बेहद जरूरी है कि यह योजना सभी कर्मचारियों के लिए नहीं है. सिर्फ वही कर्मचारी इसका चुनाव कर सकते हैं, जो 2014 से पहले EPFO के सदस्‍य रहे हों. पहले भी EPFO ने इसे चुनने के लिए 6 महीने तक अपनी विंडो खोली थी, लेकिन अब 3 मार्च, 2023 तक इसका चुनाव करने का विकल्‍प दिया है. लिहाजा अगर आप भी ज्‍यादा पेंशन पाने के इच्‍छुक हों तो इसका चुनाव बेधड़क कर सकते हैं.
सवाल – अगर मैं इनरॉल न करूं तो क्या नुकसान होगा?
देखिए, नफा-नुकसान तो हर कर्मचारी के लिए अलग-अलग हो सकता है. यहां 2 तरह के कैलकुलेशन से आप इसे समझ सकते हैं.
पहला कैलकुलेशन – (बिना हायर पेंशन के)
–1 लाख की सैलरी पर EPF में नियोक्‍ता का अंशदान हर महीने 10,750 रुपये यानी साल में 1.29 लाख रुपये.–35 साल की नौकरी में नियोक्‍ता का पीएफ में कुल अंशदान 45.15 लाख रुपये.–इस पर औसतन 8 फीसदी का ब्‍याज मान लिया जाए तो कुल रकम होगी 1,94,92,177 (1 करोड़ 94 लाख, 92 हजार 177) रुपये.–यानी रिटायरमेंट पर नियोक्‍ता की तरफ आपके हाथ में 1,94,92,177 रुपये की रकम आएगी और हर महीने 7,500 रुपये की पेंशन मिलेगी.
दूसरा कैलकुलेशन – (हायर पेंशन के साथ)
–1 लाख की सैलरी पर EPF में नियोक्‍ता का अंशदान हर महीने 3,670 रुपये यानी साल में 44,040 रुपये.–35 साल की नौकरी में नियोक्‍ता का पीएफ में कुल अंशदान 15,41,400 (15 लाख 41 हजार 400) रुपये.–इस पर औसतन 8 फीसदी का ब्‍याज मान लिया जाए तो कुल रकम होगी 66,54,639 रुपये.–यानी आप 1,28,37,538 (1 करोड़ 28 लाख 37 हजार 538) रुपये का योगदान करके 42,500 रुपये हर महीने पेंशन के तौर पर पाएंगे.
नोट – अगर आप 1,28,37,538 रुपये को 6 फीसदी रिटर्न वाली एफडी करा दें तो सिर्फ ब्‍याज के रूप में हर महीने 64,187 रुपये मिलेंगे और आपका पूरा पैसा भी सेफ रहेगा. हालांकि, यह पूरा कैलकुलेशन 35 साल तक एक समान सैलरी पर किया गया है, ताकि आप आसानी से समझ सकें. दूसरी बात ये कि FD पर रिटर्न भविष्य में क्या होगा, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता.

#campussamachar : इस प्रकार विशेषज्ञ जीपी तिवारी वित्तीय सलाहकार, सहकारिता एवं साइबर लॉ एक्सपर्ट बिलासपुर (छ.ग.) से सभी सवाल का जवाब मिल गया है, फिर भी अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लेकर विकल्प का चुनाव करना ठीक रहेगा। (डिस्क्लेमर-सवालो के दिये गए जवाब के तथ्य लेखक के अपने विचार हैं, वे स्वयं जिम्मेदार होंगे)

जीपी तिवारी
वित्तीय सलाहकार, सहकारिता एवं साइबर लॉ एक्सपर्ट बिलासपुर (छ.ग.)
मोबाईल नम्बर 9993009100

Spread your story

Check Also

CG Jobs : राज्य के इस जिले में जॉब फेयर का आयोजन 15 जनवरी को, इतने हजार रूपये मिलेगा वेतन

CG Jobs : राज्य के इस जिले में जॉब फेयर का आयोजन 15 जनवरी को, इतने हजार रूपये मिलेगा वेतन

Design & developed by Orbish Infotech