नैमिषतीर्थ, 2 फरवरी. क्षेत्र में मरेली स्थित माता मार्कन्डेय मंदिर में हो रही आज आठवें दिन की कथा में कनखल हरिद्वार से पधारे परम श्रद्धेय परम पूज्य सुरेशानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा जीवन में यदि सफल होना है भगवान की भक्ति की तरफ अग्रसर हो जाए नहीं तो ऐसा समय आ रहा हैकि कोई कलिकाल से बच नहीं पाएगा जैसा कि आप जानते हैं अभी करो ना आया था करो ना का मतलब क्या है जो तुम व्यसन में गलत फैशन में पड़े हुए हो उससे छुटकारा पा जाओ ऐसा कोई काम करो ना नहीं तो करो ना से अभी कम ही लोग मरे आने वाला संवत 3000 आपके लिए बहुत ही दुखदाई होगा जो लोग आज कह रहे हैं कि हमारा है हमारा है सब कुछ तुम्हारा नहीं क्या लेकर आए थे ? तुम क्या लेकर जाओगे जब बच्चे का जन्म होता है तब उसकी हाथ की हथेली खुली हुई होती और जब मृत्यु को प्राप्त होता है खुले हाथ चला जाता है सब कुछ यही रह जाता है इसलिए जब हमारा हमारे साथ जाना ही नहीं है तो संसार के व्यसन में क्यों पड़े हो संसार मैं कोई तुम्हारा नहीं है परमात्मा से जुड़े तो तुम्हारा कल्याण होगा
परम श्रद्धेय परम पूज्य सुरेशानंद सरस्वती जी महाराज ने आगे कहा – गोस्वामी जी ने लिखा है सन्मुख होही जीव मोहे जबही जन्म कोटि अघ ना सही तबाही जब जीव परमात्मा के निकट होता है तो परमात्मा उसके ऊपर कृपा करता है जैसे की हम अगर घर में बैठकर के हम कथा सुन रहे हैं तो परमात्मा हमको मिलने वाला नहीं परमात्मा भी चाहता है कि भक् उसके समीप में हो भक्त और भगवान का जो रिश्ता है वह बहुत ही अटूट है इसलिए परमात्मा को कभी हमें भूलना नहीं चाहिए संसार में जो हमारे साथ हमारे रिश्ते जुड़े हुए हैं वह सिर्फ स्वार्थ के हैं कोई हमें कुछ देने वाला नहीं है जब हमारे पास कुछ होता नहीं तब पत्नी भी हमें दुत्कार देती है परंतु परमात्मा ऐसा नहीं करता उसको तुम्हारे धन की चिंता नहीं उसको तो तुम्हारे प्रेम की चिंता है भाव की चिंता है रामहि केवल प्रेम पियारा साथी तुम्हारे साथ तब तक है जब तक तुम्हारे पास पैसा है अर्धांगिनी तब तक है जब तक तुम्हारे पास धन है और जिस दिन आप मर जाएंगे उस दिन वह घर में ही रहेगी आपके शमशान तक भी नहीं पहुंच पाएगी गांव के लोगों के साथ तुम्हारा रिश्ता उतनी देर के लिए है जब तक वह शमशान नहीं पहुंचा देते बेटे का दायित्व बस इतना है जब तक आप के कपाल क्रिया नहीं कर देता है।
कथा को आगे बढ़ाते’ हुए परम श्रद्धेय परम पूज्य सुरेशानंद सरस्वती जी महाराज ने कौन है तुम्हारा ? यही जानना है बिनु सत्संग विवेक न होई राम कृपा बिनु सुलभ न सोई यह सब ज्ञान अगर प्राप्त होगा तो संतो के माध्यम से ही प्राप्त हो सकता है परमात्मा के सानिध्य में ही जा करके प्राप्त हो सकता है ना की नौटंकी में जाकर आज कितनी विडंबना है हमारे सनातन धर्म के लोग अपने धर्म को ही भूलते चले जा रहे हैं अब हिंदुओं तुमको जागने की जरूरत है अपने धर्म को संभालने की जरूरत है नहीं तो हमें गुलाम होने में देर नहीं लगेगी मैं आपके मध्य में यही बताने के लिए आया हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा हम बिगड़ेंगे तो जग बिगड़ेगा इसलिए अभी हमें सुधारने की जरूरत है हमारे जीवन में सुख समृद्धि आए कबीरदास जी सिर्फ भगवान पर भरोसा करते हैं भगवान ने कबीर के पास कुछ ना होते हुए भी कबीर की लड़की कमाली की शादी विद्वान लोग बताते हैं भगवान स्वयं करके गए क्योंकि कबीर को परमात्मा पर बहुत विश्वास था इसलिए हमको भी परमात्मा पर विश्वास अटूट रखना होगा तभी कल्याण संभव है।
आज के कथा में बाबा विजय नारायण दास जी महाराज, आचार्य विकास तिवारी, आचार्य अनिरुद्ध मिश्रा, आचार्य मकसूदन मिश्र, मनीष दुबे , आचार्य पुष्कर शुक्ला, आचार्य अमित पांडे, आचार्य आशीष शुक्ला और मुख्य यजमान संदीप मिश्रा, मनोज अवस्थी दीपू आदि बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे ।