दुर्लभ मानुष जन्म है, देह न बारम्बार ।
तरुवर ज्यों पत्ता झड़े, बहुरि न लागे डार ।।
- ✍ कथित चौरासी लाख योनियों में मनुष्य योनि को सर्वश्रेष्ठ योनि माना गया है ।
✍ शास्त्र कहते हैं कि इस संसार में मनुष्य का जन्म मुश्किल से मिलता है ।
✍ यदि श्रेष्ठ कर्म न किये गए तो मानव शरीर बार-बार नहीं मिलता ।
✍ जीवन के प्रत्येक पल अगर हम याद रखें कि एक दिन इस शरीर को मृत हो जाना है ।
✍ तो हम अपने प्रत्येक कर्म को सर्वश्रेष्ठ कर्म बनाने में लगे रहेंगे ।
आज की तिथि 5124 / 04-02-02/ 06 युगाब्द 5124, आषाढ़ कृष्ण द्वितीया, शुक्रवार (पूर्णिमान्त मास श्रावण) की पावन मंगल बेला में, मनुष्य अनुरूप श्रेष्ठ कर्म करने से संकल्पित होते हुए, नित्य की भांति आपको मेरा “राम-राम” ।
प्रस्तुति : आपका एक शुभचिंतक