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GGU Bilaspur : विकसित भारत @2047 में एनईपी-2020 की भूमिका विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी, VC प्रोफेसर चक्रवाल बोले -सीयू ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारा

  • मुख्य वक्ता एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (एबीआरएसएम) के अध्यक्ष प्रो. नारायण लाल गुप्ता ने कहा कि शिक्षा व संस्कृति के जरिए ही भारत को विकसित किया जा सकता है। ज्ञान व अर्थव्यवस्था को अलग नहीं कर सकते।  

बिलासपुर, 9 नवम्बर, campussamachar.com,   गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालयGuru Ghasidas University Bilaspur chhattisgarh ) नैक से ए++ ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग द्वारा अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ संयुक्त तत्वावधान में “विकसित भारत @ 2047 में एनईपी-2020 की भूमिका” विषय पर दो दिवसीय (09-10 नवंबर, 2024) राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन समारोह रजत जयंती सभागार में दिनांक 09 नवंबर, 2024 को सुबह 10 बजे आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में महेन्द्र कपूर, राष्ट्रीय संगठन मंत्री, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता प्रो. नारायण लाल गुप्ता अध्यक्ष अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ रहे। उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने की।

विश्वविद्यालय ( Guru Ghasidas University Bilaspur chhattisgarh,)   के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि गुरु घासीदास विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को संपूर्ण स्वरूप में धरातल पर उतारने की दिशा में सक्रिय है। सिर्फ बातों से राष्ट्र का विकास नहीं होगा बल्कि हम सभी को एकजुट होकर भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा।

उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि महेंद्र कपूर, संगठन मंत्री  अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने कहा कि सबके सहयोग से ही भारत एक विकसित राष्ट्र हो सकता है। हम सभी को मिलकर उस दिशा में कार्य करना होगा। हम सभी को मिलकर विश्वविद्यालय ( Guru Ghasidas University Bilaspur chhattisgarh,)  को तीर्थ स्थल जैसा बनवाना होगा जहां शिक्षक पुजारी की भूमिका में हों। एक दिन में कोई बड़ा कार्य नहीं होता है धीरे-धीरे निरन्तर कार्य करने से सफलता मिलती है।  मुख्य वक्ता एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (एबीआरएसएम) के अध्यक्ष प्रो. नारायण लाल गुप्ता ने कहा कि शिक्षा व संस्कृति के जरिए ही भारत को विकसित किया जा सकता है। ज्ञान व अर्थव्यवस्था को अलग नहीं कर सकते।

पुनरुत्थान विद्यापीठ की कुलपति प्रो. इंदुमती काटदरे  , विशिष्ट अतिथि एवं सौराष्ट्र विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. नीलांबरी दवे ,   अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की महासचिव प्रो. गीता भट्ट ने  भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर प्रकाश डाला .

इससे पूर्व अतिथियों को नन्हा पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। मंचस्थ अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर मां सरस्वती एवं बाबा गुरु घासीदास जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किये। तरंग बैंड के छात्र- छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं कुलगीत प्रस्तुत किया। स्वागत उदोबधन संगोष्ठी के संयोजक प्रो. रामकृष्ण प्रधान ने दिया। मंचस्थ अतिथियों को शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया गया। मंचस्थ अतिथियों द्वारा संगोष्ठी की स्मारिका एवं शैक्षिक मंथन पत्रिका का विमोचन भी किया गया।  कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव  एच एन चौबे एवं संचालन डॉ. प्रिंसी मतलानी ने किया। कार्यक्रम में देश भर के शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ, शिक्षक और शैक्षिक संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, अधिकारीगण, शिक्षणगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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