लखनऊ, 4 नवम्बर, campussamachar.com, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज सोमवार को लोकभावन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए हैं . इनमें उच्च शिक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय भी शामिल हैं . इनमें उच्च शिक्षा में 3 साल की सेवा पर शिक्षकों के ट्रांसफर को मंजूरी, अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय के लखनऊ परिसर के लिए निःशुल्क भूमि आवंटित करने सहित कई बड़े फैसले शामिल हैं .
up news today : जानकारी के अनुसार सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए नई स्थानांतरण नियमावली का प्रख्यापन, अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय के लखनऊ परिसर के लिए निःशुल्क भूमि का प्रावधान और उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 में संशोधन का प्रस्ताव शामिल है। शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए, योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश सहायता प्राप्त महाविद्यालय अध्यापक स्थानांतरण नियमावली, 2024 को मंजूरी दी।
इससे प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को अब अपने संपूर्ण सेवा काल में केवल एक बार स्थानांतरण का अवसर मिलेगा और वह भी तीन वर्षों की सेवा के उपरांत। इससे पूर्व यह अवधि पांच वर्ष थी। यह निर्णय विशेष रूप से उन महिला और दिव्यांग शिक्षकों के लिए राहत वाला है जो अपने परिवार से दूर सेवाएं दे रहे थे और स्थानांतरण की कठिनाइयों का सामना कर रहे थे।
up news in hindi : प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि इस नियमावली के तहत स्थानांतरण प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए शिक्षकों को अपने महाविद्यालय के प्रबंधतंत्र और संबंधित विश्वविद्यालय से अनुमोदन लेना अनिवार्य होगा। अनुमोदित आवेदन को निदेशक, उच्च शिक्षा के पास प्रस्तुत करना होगा।
up education news in hindi : यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि शिक्षकों को बिना अनावश्यक देरी के पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से स्थानांतरण का लाभ मिल सके। इस निर्णय से उन्हें अपने परिवार के नजदीक कार्य करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनके कार्यस्थल पर संतोष और शिक्षण में समर्पण बढ़ेगा। योगी सरकार ने लखनऊ में अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) के परिसर की स्थापना के लिए कुल 2.3239 हेक्टेयर भूमि को निःशुल्क प्रदान करने का प्रस्ताव पास किया।
यह भूमि ग्राम चकौली, परगना बिजनौर, तहसील सरोजनी नगर, लखनऊ में स्थित है। जिलाधिकारी द्वारा इस भूमि का सर्किल रेट के आधार पर मूल्यांकन 9.29 करोड़ रुपये किया गया है। यह विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष 2000 से 2500 छात्रों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करेगा और उन्हें अंग्रेजी एवं अन्य विदेशी भाषाओं में दक्ष बनाएगा।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि यह निर्णय राज्य के युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने और विदेशों में नौकरी करने के अवसरों में वृद्धि करने में सहायक सिद्ध होगा। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि सीमित संसाधनों के बावजूद छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाए। इस परिसर की स्थापना से राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई के स्तर में सुधार होगा और छात्रों को बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 में संशोधन को भी मंजूरी दी है। इस संशोधन का उद्देश्य अन्य राज्यों में पंजीकृत सोसाइटी/न्यास/कंपनियों को उत्तर प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने का अवसर प्रदान करना है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी (भारत में विदेशी उच्चतर शिक्षा संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन) विनियम, 2023 के तहत विदेशी विश्वविद्यालयों को राज्य में अपने परिसर स्थापित करने की अनुमति देने का प्रावधान जोड़ा गया है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह कदम शिक्षकों और छात्रों के लिए नई संभावनाएं लेकर आएगा और राज्य की शिक्षा प्रणाली को अधिक समृद्ध बनाएगा। इस बदलाव से निजी विश्वविद्यालयों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने का अवसर मिलेगा, जो प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा।