यह योजना शैक्षिक सत्र 2021 -22में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों के लिए है
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार विश्वविद्यालयों व डिग्री कालेजों में शैक्षिक सत्र 2021-22 में अध्ययनरत विद्यार्थियों का स्मार्टफोन / टैबलेट वितरण की तैयारी में है। सरकार की इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रदेश के लाखों विद्यार्थी आतुर हैं। इस योजना में भी कुछ लोग सेंध लगाने के लिए फर्जी तरीके से बनाए गए लिंक के जरिए लाभ लेने की तैयारी मे है। वे रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कह रहे हैं । जबकि ऐसे में विद्यार्थियों को किसी प्रकार का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया जाना है और यह काम संबंधित विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को करना है।
योगी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर प्रदेश के विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों में अध्ययनरत लाखों विद्यार्थियों में गजब का उत्साह बना हुआ है। वे अपने विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों से आए दिन इस बाबत जानकारी लेने के लिए आतुर हैं। विद्यार्थियों के इस उत्साह का लाभ उठाने के लिए कुछ फर्जी लिंक तैयार किए गए हैं,जिससे इन विद्यार्थियों से जुड़े जरूरी जानकारियां एकत्रित की जा सकें। कुछ लिंक में कहा जा रहा है कि विद्यार्थियों को रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा जा रहा है तो कुछ लिंक में मोबाइल नंबर, बैंक सहित अन्य गोपनीय व पर्सनल जानकारियां मांगी जा रही हैं। मेरठ के एक विश्वविद्यालय में इसी प्रकार की सूचनाओं के आधार पर बड़ी संख्या में छात्र पंजीकरण कराने पहुंच गए। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने जब स्पष्ट किया तो स्थिति संभली लेकिन इससे यह पता चलता है कि प्रदेश सरकार की इस योजना के जरिए भी कुछ संस्थाएं अपना स्वार्थ सिद्ध करने में जुटी हुई हैं।
स्मार्टफोन/टैबलेट के लिए विद्यार्थियों को किसी प्रकार के रजिस्ट्रेशन आदि की जरूरत नहीं है और न ही उन्हें इस प्रकार की जानकारी साझा करने की जरूरत ही है। इस योजना के संबंध में लखनऊ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ.विनोद कुमार सिंह की ओर से सहयुक्त महाविद्यालयों के प्राचार्यों को एक पत्र भी भेजा गया है। इस पत्र में इस बाबत 12 नवंबर 2021 को हुई बैठक के निर्णयों व उनका पालन करने के लिए कहा गया है।
अध्ययनरत विद्यार्थियों का वांछित डेटा की सारी जानकारी विश्वविद्यालय व महाविद्यालय प्रशासन को भरनी है। इसके लिए उन्हें प्रारूप दिया गया है और इसी प्रारूप पर वांछित जानकारी बहुत गंभीरता के साथ भरनी है। महत्वपूर्ण बात यह है कि विवि व कालेजों में अध्ययनरत विद्यार्थियों का पूरा डिटेल प्रवेश लेते समय ही विवि व कालेजों में प्रवेश फार्म आदि के जरिए छात्र देते हैं। अब उसी डिटेल के आधार पर यह जानकारी शासन को जाएगी। ऐसे में छात्रों को कहीं अन्यत्र किसी लिंक पर अपनी महत्वपूर्ण पर्सनल जानकारी देने की जरूरत नहीं है।