- विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी व्यास जी अजब नारायण पाण्डेय, पं. योगेश शास्त्री, हारमोनियम पर संजय शर्मा व ढोलक पर कलीम अपनी धुन बिखेरते नजर आएंगे।
- निर्देशक उमाशंकर राठौर व जितेंद्र मिश्र प्रतिदिन कलाकारों को मंचन के तौर तरीके और उनके द्वारा किये जाने वाले दृश्यों की बारीकियों को बखूबी समझा रहे हैं।
लखनऊ, 02 अक्टूबर, campussamachar.com, राजधानी लखनऊ के सेक्टर-‘ए’ सीतापुर रोड योजना में 8 अक्टूबर से शुरू होने वाले पांच दिवसीय रामलीला के 32वें मंचन के लिये कलाकारों में काफी उत्साह है। श्रीरामलीला पार्क में स्थित विश्वनाथ मंदिर परिसर में रात्रि के आठ बजते ही सभी कलाकार एकत्र होकर रामलीला की रिहर्सल में जुट जाते हैं। निर्देशक उमाशंकर राठौर व जितेंद्र मिश्र प्रतिदिन कलाकारों को मंचन के तौर तरीके और उनके द्वारा किये जाने वाले दृश्यों की बारीकियों को बखूबी समझा रहे हैं।
Shri Ram Leela : श्रीराम लीला समिति के अध्यक्ष सुरेश कुमार तिवारी ने बताया कि सूर्य प्रताप सिंह, सत्यम वर्मा श्रीराम वन गमन तक क्रमशः राम व लक्ष्मण और उसके पश्चात लक्ष्य मिश्रा, राज सिंह क्रमशः राम व लक्ष्मण का किरदार निभाएंगे। जबकि अंश मिश्रा (माता सीता), निर्देशक जितेंद्र मिश्रा (हनुमान), शांति स्वरूप शुक्ला (अंगद व सुषेण वैध), प्रभाकर तिवारी (राजा दशरथ), हर्ष वर्मा (भरत), शिखर शुक्ला (शत्रुघ्न), शील भान सिंह (रावण), निर्देशक उमाशंकर राठौर (केवट व जोगी रावण), शाश्वत पाठक (परशुराम, वशिष्ठ), अभय वर्मा (सुग्रीव, सूर्पनखा, कैकेई) का किरदार निभाएंगे। वहीं विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी व्यास जी अजब नारायण पाण्डेय, पं. योगेश शास्त्री, हारमोनियम पर संजय शर्मा व ढोलक पर कलीम अपनी धुन बिखेरते नजर आएंगे।
श्री रामलीला कार्यक्रम
08 अक्टूबर – भगवान श्रीगणेशजी की वन्दना, श्रीराम जन्म, ताड़का वध, धनुष यज्ञ, परशुराम लक्ष्मण संवाद।
09 अक्टूबर – श्रीराम लक्ष्मण एंव सीता जी की आरती, कैकेयी-मंथरा, कैकेयी-दशरथ संवाद, राम वन गमन, केवट राम संवाद, दशरथ मरण, भरत मिलाप।
10 अक्टूबर – भगवान शंकर जी की आरती, पंचवटी दृश्य, खरदूषण वध, सीताहरण, जटायु मरण, श्रीराम हनुमान भेंट, सुग्रीव मित्रता, बालि वध।
11 अक्टूबर – मां दुर्गा जी की आरती, सीता की खोज, लंका दहन, विभीषण शरणागति, अंगद का लंका प्रस्थान, राजकुमार वध, अंगद-रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति।
12 अक्टूबर – हनुमान जी की आरती, कुम्भकरण, मेघनाद, अहिरावण व रावण वध, श्रीराम राज्याभिषेक एंव आरती और पारितोषिक वितरण।