- अब टेक्निकल स्टाफ एसोसिएशन को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है, क्योंकि उन्हें भरोसा है कि मुख्यमंत्री राजधानी के इस विश्वविद्यालय ( Indira Gandhi Krishi Vishwavidyalaya raipur ) में चल रहे इस अराजक पूर्ण व्यवहार को खत्म करने के लिए जरूरी दिशा निर्देश देंगे और पेंशन की बाट जोह रहे शिक्षकों/ कर्मचारियों को जल्द पेंशन मिल जाएगी।
रायपुर, 10 सितंबर, campussamachar.com, । इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर प्रशासन ( Indira Gandhi Krishi Vishwavidyalaya raipur ) के पास कार्यरत स्टाफ का विवरण मिल जाए तो किसी आश्चर्य से कम नहीं , क्योंकि सेवानिवृत्त् शिक्षकों की पेंशन स्वीकृत के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन रिटायर्ड टीचर्स से उनकी प्रथम नियुक्ति का नियुक्ति पत्र मांग रहा है । इतना ही नहीं उनके प्रमोशन से जुड़े भी दस्तावेजों की मांग की जा रही है, जबकि यह सारे दस्तावेज विश्वविद्यालय प्रशासन ( Indira Gandhi Krishi Vishwavidyalaya raipur ) के स्थापना विभाग के पास होने चाहिए और उनके रखरखाव की जिम्मेदारी भी विश्वविद्यालय प्रशासन की है, लेकिन रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ( Indira Gandhi Krishi Vishwavidyalaya raipur ) में तो हाल यह है कि सेवानिवृत शिक्षकों से ही उनकी नियुक्ति पत्र, प्रमोशन और सेवा से जुड़े तमाम दस्तावेजों की सत्यापित छाया प्रति मांगी जा रही है। हालांकि सेवानिवृत शिक्षक पेंशन जल्दी मिल जाए, इसलिए विवाद न बढ़ा कर जैसे तैसे मांगे गए जरूरी दस्तावेज एकत्रित कर विश्वविद्यालय प्रशासन ( Indira Gandhi Krishi Vishwavidyalaya raipur ) को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में जुटे है।
यही कारण है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ( Indira Gandhi Krishi Vishwavidyalaya raipur ) लंबे समय से कई सेवानिवृत शिक्षकों /कर्मचारियों को अभी तक पेंशन नहीं दे पाया है । परेशान होकर टेक्निकल एसोसिएशन सेंट्रल यूनिट से जुड़े पदाधिकारियों ने इस मामले को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय तक पहुंचाया है। मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में विश्वविद्यालय टेक्निकल एसोसिएशन की ओर से पूरी बातें विस्तार से बताई गई हैं साथ ही कुछ जरूरी दस्तावेज भी दिए गए हैं जिससे पता चलता है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में किस तरह से शिक्षकों / कर्मचारियों के साथ अन्याय किया जा रहा है।
हैरत की बात यह है कि राजधानी के इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ( Indira Gandhi Krishi Vishwavidyalaya raipur ) और जुड़े कलेजों में किसानों के लिए नई-नई खोज, उनके मार्गदर्शन ,कृषि विस्तार से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों को संपादित करने वाले शिक्षकों/ कृषि वैज्ञानिकों / कर्मचारियों को सहूलियत देने के बजाय विश्वविद्यालय प्रशासन ( Indira Gandhi Krishi Vishwavidyalaya raipur ) उन्हें तरह-तरह से परेशान करने के हथकंडे तलाशता रहता है और प्रथम नियुक्ति जैसे दस्तावेज मांगने का लिखित आदेश भी इसी का हिस्सा जान पड़ता है।
विश्वविद्यालय ( Indira Gandhi Krishi Vishwavidyalaya raipur ) से जुड़े शिक्षकों का कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं किया गया है, बल्कि विश्वविद्यालय में ऐसा मकडजाल फैला दिया गया है कि शिक्षकों की सुनी ही नहीं जाती है। वह प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं , लेकिन अगर इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई जाती है तो फिर उसका करियर बर्बाद करने की धमकी भी दी जाती हैं । ऐसे में मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने के बाद अब टेक्निकल स्टाफ एसोसिएशन को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है, क्योंकि उन्हें भरोसा है कि मुख्यमंत्री राजधानी के इस विश्वविद्यालय ( Indira Gandhi Krishi Vishwavidyalaya raipur ) में चल रहे इस अराजक पूर्ण व्यवहार को खत्म करने के लिए जरूरी दिशा निर्देश देंगे और पेंशन की बाट जोह रहे शिक्षकों/ कर्मचारियों को जल्द पेंशन मिल जाएगी। टेक्निकल स्टाफ एसोसिएशन की ज्ञापन और समस्याओं पर विश्वविद्यालय का पक्ष मिलने पर उसे भी प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा .