लखनऊ, 4 जुलाई, campussamachar.com, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) ने राज्य मंत्रिमंडल द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति किए जाने संबंधी फैसलों को शिक्षक पद की गरिमा एवं सम्मान पर करारी चोट की संज्ञा दी है । पांडेय गुट ने कहा है कि एक लंबी अवधि तक पूर्णकालिक और पूरा वेतन प्राप्त कर रहे शिक्षक टीचर्स को विगत 9 नवंबर 2023 को सेवा विमुक्त कर दिए जाने संबंधी फैसला को भी पांडेय गुट ने अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण कर दिया है.
संघ के वरिष्ठ शिक्षक नेता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में दो दशक से अधिक समय से कार्यरत तदर्थ शिक्षकों को शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा अपने मनमाने निर्णय से सरकार को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक और जहां राज्य सरकार विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर पूर्णकालिक नियुक्त कर पदों को भरे जाने का अभियान चला रही है, वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी भ्रामक तथ्य प्रस्तुत कर शिक्षकों को बेरोजगार किया जाना कहां तक सरकार के लिए उचित है। शिक्षक नेता त्रिपाठी ने इस मुद्दे पर राज्य की योगी सरकार का ध्यान आकर्षित कर हस्तक्षेप करने की मांग की है । शिक्षक नेता श्री त्रिपाठी ने बताया कि शासन के अलोकतांत्रिक निर्णय से 7 अगस्त 93 से 30 दिसंबर 2000 तक कठिनाई निवारण अध्यादेश एवं धारा 18 के अंतर्गत नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को जो उत्तर प्रदेश मध्यमिक सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 2016 की धारा 33(छ) की सीमा अवधि व नियुक्त प्रक्रिया से आच्छादित है , उनकी भी सेवाओं को 9 नवंबर 2023 के आदेश से समाप्त कर वेतन भुगतान रोक दिया जाना दुखद है।
इस संबंध में माननीय न्यायालय में अपने पारित आदेशों में भी बिना व्यवधान के कार्य लेने और वेतन देने का आदेश भी शिक्षा अधिकारियों को दिया जा चुका है, लेकिन अधिकारी मनमानी पूर्ण रवैया से कार्य कर रहे हैं, जिससे शिक्षक परेशान हैं । शिक्षक नेता त्रिपाठी ने इस संवेदनशील मुद्दे की ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का व्यक्ति का ध्यान आकर्षित कर सभी तरह शिक्षकों को विनियमित करने की पुरजोर मांग की है।