लखनऊ. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने बालिका विद्यालय इंटर कालेज, मोतीनगर में गरीब छात्राओं से अवैध वसूली पर आपत्ति करने वाली शिक्षिका रागिनी यादव के अनियिमित रूप से रोके गए अगस्त माह के वेतन का तत्काल भुगतान कराये जाने तथा रागिनी यादव के उत्पीडऩ एवं छात्राओं से अवैध वसूली आदि की जॉच कराकर दोषी व्यक्तियो के विरूद्व दण्डात्मक कार्यवाही की मांग की है।
संगठन के प्रदेशीय मंत्री एवं जिला संरक्षक डा. आरपी मिश्र एवं जिलाध्यक्ष डा. आरके त्रिवेदी के साथ प्रदेशीय मंत्री नरेन्द्र कुमार वर्मा, जिलामंत्री अरूण कुमार अवस्थी, कोषाध्यक्ष महेश चन्द्र, आय-व्यय निरीक्षक विश्वजीत सिंह सहित 6 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल ने शुक्रवार को प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक एवं लेखाधिकारी से मुलाकात कर रागिनी यादव को तत्काल वेतन भुगतान कराने तथा अवैध वसूली आदि की जांच कराकर दोषी व्यक्तियों को दण्डित किए जाने की मांग की है।
संगठन के प्रदेशीय मंत्री एव जिला संरक्षक डा. आरपी मिश्र, जिलाध्यक्ष डा0 आरके त्रिवेदी एवं जिलामंत्री अरूण कुमार अवस्थी ने बताया कि विद्यालय की वरिष्ठ शिक्षिका रागिनी यादव ने जब कोरोना संक्रमण काल से गुजरे छात्राओं के अभिभावको, जिनमें अधिकांश गरीब परिवार से हैं, से पीटीए के नाम पर कक्षा 06 से लेकर कक्षा 12 तक 450 रुपए की धनराशि की अवैध वसूली तथा छात्राओं को जबरिया रू 500 रुपए में सरकारी किताबें, जो नि:शुल्क है, को खरीदने पर मजूबर किए जाने पर आपत्ति की तो प्रधानाचार्या द्वारा रागिनी यादव का उत्पीडन किया जाने लगा। उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर करने से रोका गया और अब उनका अगस्त माह का वेतन प्रधानाचार्या द्वारा मनमाने तरीके से रोक दिया गया है।
शिक्षक नेताओं ने बताया कि रागिनी यादव के पैर के घुटने का आपरेशन हुआ था जिसके पश्चात चिकित्सक ने रागिनी यादव को सीढिय़ां चढऩे के लिए मना किया था। रागिनी यादव की कक्षाएं प्रथम तल पर थी इसलिए छात्राओं को पुस्तकालय, जहॉ पर कुछ अन्य शिक्षिकाएं भी पढ़ाती है, रागिनी यादव भी छात्राओं को बुलाकर पढाने लगी जिससे छात्राओं का अहित न हों। रागिनी यादव द्वारा सीढिय़ों पर चढऩे में कठिनाई होने के कारण प्रधानाचार्या से अनुरोध किया गया कि उन्हें भूतल पर ही पुस्तकालय अथवा अन्य किसी कक्ष में कक्षाएं लेने की अनुमति प्रदान की जाए जिसे प्रधानाचार्या ने दुर्भावनावश एवं पक्षपत तरीके से अस्वीकार कर दिया। जो प्रधानाचार्या के अमानवीय व्यवहार को दर्शाता है।
शिक्षक नेताओं ने बताया कि जनपदीय शिक्षा अधिकारियों के साथ ही ज्ञापन की प्रति मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री, डा. दिनेश शर्मा, प्रमुख सचिव (माध्यमिक शिक्षा), शिक्षा निदेशक (माध्यमिक), एवं संयुक्त शिक्षा निदेशक, लखनऊ मण्डल को भी प्रेषित कर जांच कराकर दोषी व्यक्तियों के विरूद्व दण्डात्मक कार्यवाही की मांग की गई है।