लखनऊ , 6 जून , campussamachar.com, । लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा ) लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ( Prof. Alok Kumar Rai VC Lucknow University) को पत्र लिखकर शोध अध्यादेश 2023 में प्रवेश हेतु शिक्षकों को 10% सुपर न्यूमेरिक सीटों का आरक्षण दिए जाने की मांग दोहराई है ।
लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ मनोज पांडेय एवं महामंत्री प्रोफेसर अंशु केड़िया ने लखनऊ विश्वविद्यालय ( University of Lucknow) के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ( Prof. Alok Kumar Rai VC Lucknow University ) को भेजे पत्र में कहा है कि लुआक्टा द्वारा 3 अप्रैल 2024 को इस संदर्भ में प्रेषित पत्र का संदर्भ ग्रहण करें जिसके माध्यम से उत्तर प्रदेश शासन के शासनादेश द्वारा यूजीसी विनिमन विनियमन 2018 के विनियमन संख्या 2028 में प्रावधानित महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों को पीएचडी उपाधि प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु सेवारत शिक्षकों के लिए 10% सुपर न्यूमेरिक सीटों के आरक्षण एवं शासनादेश दिनांक 6 जनवरी 22 द्वारा ऑनलाइन कोर्स वर्क पूरा करने का भी निर्देश प्रदान किया गया है । लुआक्टा नेताओं के मुताबिक प्रवेश समिति की बैठक द्वारा शोध अध्यादेश में संशोधन किए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया है । इसके बाद दिनांक 6 दिसंबर 2022 को संपन्न प्रवेश समिति की बैठक द्वारा भी इसका क्रियान्वयन शैक्षिक सत्र 2021-22 से किए जाने का निर्णय लिया गया जिसके क्रम में 21 – 22 तथा 2022-23 में प्रवेश किया जा चुका है।
University of Lucknow : लुआक्टा के अध्यक्ष प्रोफेसर मनोज पांडेय एवं महामंत्री प्रोफेसर अंशु केडिया ने पत्र में आगे लिखा है कि प्रवेश समिति के निर्णय को राजभवन कार्यालय द्वारा स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, किंतु शिक्षकों का प्रवेश शोध सत्र 23- 24 हेतु नहीं किया जा रहा है। शोध की प्रवेश की समस्या का मुख्य कारण नियमों के बावजूद शोध अध्यादेश 2023 में शिक्षकों के प्रवेश हेतु 10% सुपर न्यूमैरिक सीटों का आरक्षण का क्रियान्वयन नहीं किया जाना है। शोध अध्यादेश 2023 में कुलपति को अधिकार प्रदान किया गया है । कुलपति द्वारा चुनाव आचार संहिता के पश्चात शिक्षकों के हित में निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया गया था , अब लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुका है। इसलिए प्रशासन इस अनियमितता को तत्काल दूर कर आदेश प्रदान करें ताकि वर्तमान में हो रही पीएचडी की प्रवेश में शिक्षकों का प्रवेश सुनिश्चित किया जा सके।