येन बद्धो बलीराजा, दानवेन्द्रो महाबल: ।
तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल ।।
✍ भारतीय संस्कृति सिखाती है कि सामर्थ्यवान को हमेशा कमजोर की रक्षा करनी चाहिए ।
✍ मौली/कलावा/रक्षासूत्र/राखी हाथ मे बाँधना/बंधवाना सामर्थ्यवान का कमजोर को विपत्तियों से रक्षा का आश्वासन है ।
✍ धार्मिक क्रियाकलापों में पुरोहित/आचार्य द्वारा उपर्युक्त मंत्र के साथ कलावा बाँधना, ईश्वर की ओर से रक्षा का आश्वासन माना जाता है ।
✍️ हाथ मे बंधा कलावा हमको हर पल आश्वस्त करता है कि ईश्वर की सुरक्षा हमारे साथ है ।
✍ अतिमहत्वपूर्ण त्योहार रक्षाबंधन पर बहन द्वारा भाई को राखी बाँधना भी उससे अपनी रक्षा हेतु आश्वासन लेना ही है ।